मोबाइल में मिली मियां-बीवी के रिश्तों की असली तस्वीर सुरेंद्र दास की मौत के जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि डॉ, रवीना के मोबाइल की जांच के दौरान सामने आया है कि पति-पत्नी में बेहद कम बात होती थी। ज्यादातर कॉल रवीना की तरफ से सुरेंद्र दास को किए गए थे, लेकिन दस सेकेंड से ज्यादा बात नहीं होती थी। यह भी सामने आया है कि सुरेंद्र दास के कॉल को डॉ. रवीना अक्सर ही रिसीव नहीं करती थीं। ऐसे में अफसरों का निष्कर्ष है कि पति-पत्नी में ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। कारण क्या था? इस सवाल का जवाब डॉ. रवीना ही देंगी। इस बारे में जांच अधिकारी एसपी-पश्चिम संजीव सुमन ने बताया कि पूछताछ के लिए सुरेंद्र दास की पत्नी डॉ. रवीना और ससुर डॉ. रावेंद्र को बुलाया था, लेकिन कार्यालय में एक घंटे से ज्यादा वक्त तक रहने के बावजूद रवीना कुछ नहीं बोलीं। अब घर जाकर कुछ समय बाद उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।
चांदी के बर्तन हड़प लिये, प्लाट भी बेचना चाहते थे नरेंद्र डॉ. रावेंद्र ने कहा कि सुरेंद्र के वेतन से ही नरेंद्र ने बिल्डिंग मैटेरियल और फिर लोहे की ग्रिल-गेट का काम शुरू किया था। लखनऊ में घर भी बनवाया। इसके बाद भी परिजनों ने आईपीएस की शादी में सहयोग भी नहीं किया था। नतीजे में सुरेंद्र तथा उनकी मां ने रवीना के एटीएम कार्ड से शादी का काफी सामान खरीदा था। डॉ. रावेंद्र ने एक और खुलासा किया कि सुरेंद्र और डॉ. रवीना हनीमून पर सिक्किम गए थे। उसी वक्त नरेंद्र की पत्नी नेहा ने फोन करके सुरेंद्र कुमार से रुपये भेजने के लिए कहा था। इस डिमांड से सुरेंद्र मानसिक रूप से काफी परेशान हो गए थे। पत्नी के नॉनवेज खाने की वजह से आए दिन होने वाले झगड़े की बात पर भी डॉ. रावेंद्र ने सफाई देते हुए दावा किया कि शादी के बाद सुरेंद्र कुमार ने नॉनवेज खाना शुरू कर दिया था। डॉ. रावेंद्र ने आईपीएस का एक ई-मेल भी मीडिया को दिखाया। इसे करीब एक साल पहले सुरेंद्र ने डॉ. रवीना को भेजा था। इस ई-मेल में आईपीएस ने परिजनों की प्रताडऩा का जिक्र किया है। यह मेल देखने के बाद डॉ. रवीना पति के पास गई थी और उन्हें समझाकर आई थी। डॉ. रावेंद्र ने आरोप लगाया कि नरेंद्र अपने छोटे भाई आईपीएस सुरेंद्र पर लखनऊ के एकता नगर स्थित प्लॉट भी बेचने का दबाव बना रहे थे। यह प्लाट आईपीएस ने खुद खरीदा था।
रवीना से तलाक लेते के लिए मां-भाभी ने बनाया था दबाव सास और ससुर ने आरोप लगाया कि आईपीएस के बड़े भाई नरेंद्र कुमार दास, भाभी नेहा, मां इंदु और बहन सावित्री उन्हें प्रताडि़त करती थीं। भाई पैसों की मांग करता था। साथ ही परिवार वाले पत्नी डॉ. रवीना से अलग होने का दबाव बनाते थे। इसी कारण सुरेंद्र दास परेशान रहते थे। इसी के चलते परिजनों से कह दिया था कि ऐसे ही परेशान किया जाएगा तो खुद मर जाएंगे या किसी को मार देंगे। दोनों ने आईपीएस और परिजनों के बीच हुई बातचीत के चार ऑडियो भी मीडिया के सामने पेश किए। आईपीएस की मौत के बाद भाई नरेंद्र ने उनकी पत्नी डॉ. रवीना सिंह को जिम्मेदार बताते हुए एसएसपी से लेकर डीजीपी के पास जांच की अर्जी लगाई है। गौरतलब है कि मूल रूप से बलिया निवासी 2014 बैच के आईपीएस सुरेंद्र कुमार दास कानपुर में एसपी पूर्वी पद पर तैनात थे। 20 दिन पहले उन्होंने कैंट स्थित सरकारी आवास में जहर खा लिया था। नौ सितंबर को रीजेंसी अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। मौके से सुसाइड नोट भी मिला था। इसमें एसएसपी ने निजी कारणों का हवाला देकर जान देने की बात लिखी थी। एसएसपी ने एसपी क्राइम को जांच सौंपी थी। एडीजी ने दो दिन पहले एसपी क्राइम से जांच हटाकर एसपी पश्चिम संजीव सुमन को जिम्मा सौंपा है।