पीयूष जैन के पास से भारी मात्रा में नकदी और जेवरात बरामद होने के बाद उसे जेल भेजा गया था। उस दौरान पीयूष जैन अपने साथ तीन सौ वाइल होमियोपैथी दवा की लेकर गया था। जो कि एक अलग झोले में भरी हुई थी। जेल प्रशासन ने जब चेकिंग की तो वह दवाएं उसके पास मिली। सब खुली शीशियों में थी। जिसे रखने की अनुमति न होने के कारण जेल प्रशासन ने सारी वायल जब्त कर ली थी। जैसे जैसे दिन गुजरे जेल में बंद बंदियों से पीयूष जैन ने थोड़ी थोड़ी बात शुरू की।
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यूपी में दूल्हा बा: ‘का बा’ फेम सिंगर नेहा सिंह राठौर ने यूपी को बनाया ससुराल पथरी में मिला फायदा तो चल निकली डाक्टरी लगभग 20-25 दिन पहले एक बंदी को पथरी में दिक्कत हुई। पीयूष जैन उस वक्त वहीं से गुजर रहा था। उसने बंदी को देखा और होमियोपैथ में कुछ दवाएं लिखकर दी। जेल अस्पताल में होमियोपैथी की दवाएं भी मौजूद है। जो दवाएं लिखी गई थी वह बंदी को दी गई जिससे उसको फायदा हुआ। जेल में पीयूष जैन की होमियोपैथी की जानकारी को लेकर माउथ पब्लिसिटी हो गई। जिससे उसकी डाक्टरी चल निकली।
अफसर और कर्मचारी भी लिखवाने लगे दवा पीयूष जैन के पास इसके बाद से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। वर्तमान में वह प्रतिदिन 30-35 बंदियों की तकलीफ सुनने के बाद उन्हें होमियोपैथी दवाएं देता है। जेल सूत्रों के मुताबिक पीयूष जैन के पास होमियोपैथी के ऐसे ऐसे फार्मूले हैं जो पहले कभी सूने नहीं गए। वह जो सॉल्ट लिखता है वह भी अच्छी होमियोपैथी की दुकानों में ही उपलब्ध होते हैं। बंदी अब उससे अपने परिवार के लिए भी दवाएं लिखवाते हैं।
सिर्फ सुनता है लिखता है दवाएं पीयूष जैन अब भी बहुत कम बात करता है। कोई उसके पास दवा लिखवाने पहुंचता है तो वह ज्यादातर बार सिर हिलाकर उसकी समस्या सुन लेता है और दवा लिख देता है।
क्या बोले अधिकारी जेल अधीक्षक आरके जायसवाल के अनुसार जेल के कई लोगों से मुझे भी इसकी जानकारी मिली है कि पीयूष जैन होम्योपैथी का अच्छा जानकार है। उससे पूछा गया तो उसने बताया कि विदेश के किसी कॉलेज से उसने करसपोंडेंस से होमियोपैथी का कोर्स किया है। बंदी उससे मदद लेते हैं। वह ज्यादा किसी से बात नहीं करता।