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कानपुर

Indian Railway: अब 26 ट्रेनों में दो गुना बढ़ गईं सीटों की कन्फर्मेशन, जानिए नई व्यवस्था

Train Tickets IRCTC: अब आपकी वेटिंग की टिकट कंफर्म हो जाएगी। दरअसल, रेलवे की नई वय्वस्था में टिकट कंफर्मेशन पर जोर दिया गया।

कानपुरAug 13, 2022 / 12:11 pm

Snigdha Singh

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Indian Railway Train Seat confirmation increased 2 times in 26 trains in IRCTC new system

अब आपको टिकट कंफर्म होनी की चिंता नहीं सताएगी। भारतीय रेलवे द्वारा नई सुविधा के शुरुआत की गई है। जिसमें पहले की तुलना में दो गुना टिकट कंर्फम होंगी। ये संभव होगा हैंड हेल्ड टर्मिनल मशीन (एचएचटी) से। एचएचटी वेटिंग टिकटधारियों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। श्रमशक्ति, शताब्दी सहित 26 ट्रेनों में 22 दिन में मात्र एक शहर की ऐसे 876 वेटिंग टिकटधारियों की सीटें इसके जरिए अपने आप कन्फर्म हो गईं। टीटीई को ये मशीनें पांच जुलाई को दी गई हैं। इसके साथ ही टीटीई की मनमानी पर लगाम लग गई और लोगों को उनकी चिरौरी भी नहीं करनी पड़ रही। एसीएम संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि टीटीई को हैंड हेल्ड टर्मिनल मशीन देने से कई तरह की समस्याएं खत्म हो गई हैं। चेकिंग दल पर आरोप लगता था कि वह अपने चहेतों को सीट दे देता है। इसका जड़ से खात्मा हो गया है। अब सीट खाली होने पर उसके असली हकदार यानी कि वेटिंग वाले को ही आवंटन करना टीटीई की मजबूरी है।
आरएसी भी न होती थी कन्फर्म

पहले की व्यवस्था में श्रमशक्ति से लेकर बर्फानी एक्सप्रेस तक, सभी व्यस्त और प्रमुख ट्रेनों में चार्टिंग के बाद थ्री एसी और स्लीपर कोचों की वेटिंग की कौन कहे, आरएसी सीटें तक टीटीई कन्फर्म नहीं करते थे। रेलवे ने जबसे टीटीई को हैंड हेल्ड टर्मिनल मशीनें दी हैं, सबसे अधिक स्लीपर औऱ थ्री एसी कूपे की 10 से 20 नंबर तक की वेटिंग कन्फर्म हो जा रही है।
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ऐसे करते थे मनमानी

रेलवे काउंटर से जारी आरक्षित वेटिंग टिकट पर कोचों में सफर की छूट होती है। ये व्यवस्था इसलिए बनी है कि टीटीई अपने पास उपलब्ध चार्ट के आधार पर यात्रियों के टिकट चेक करने के बाद कोई यात्री नहीं आए तो उसकी सीट आरएसी और वेटिंग वाले यात्रियों को अलॉट करें। आमतौर पर टीटीई इस नियम का पालन नहीं करते थे और खाली हुई सीट अपनी मर्जी से किसी को भी अलॉट कर देते थे और असली हकदार को इसका पता ही नहीं चलता था।
क्या है नई व्यवस्था

नई व्यवस्था में टीटीई के केवल चार्ट पर टिक करने से काम नहीं चलेगा। यात्रियों की उपस्थिति अब एचएचटी में दर्ज होती है। ऐसे में किसी यात्री के न आने पर जो सीट खाली होती है, कंप्यूटर प्राथमिकता के आधार पर वेटिंग टिकटवाले को वह सीट आवंटित कर देता है। दरअसल, एचएचटी की कनेक्टिविटी सीधे रेलवे के रिजर्वेशन सर्वर से होती है और किसी स्टार्टिंग स्टेशन से ट्रेन चलने के दो मिनट पहले तक का अपडेट इस मशीन में हो जाता है। रास्ते में कोई सीट खाली होती है तो उसकी फीडिंग भी हो जाती है। इस बीच, अगर अगले स्टॉपेज पर भी चार्टिंग की व्यवस्था है तो उसकी यथास्थिति भी इसमें आ जाती है। या अगले स्टेशनों से यात्रा से पहले कोई यात्री रिजर्वेशन निरस्त कर देता है तो उसका ब्योरा भी मशीन में आ जाता है। ऐसे में जैसे-जैसे सीटें खाली होती जाती हैं, यात्रियों को अलॉट होती जाती हैं।

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