वहीं ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि जिले कई बड़े अधिकारियों को गांव की समस्या को लेकर कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन उनकी सुध न अधिकारियों ने ली है। चुनाव से लेकर अभी तक बड़े बड़े दावे करने वाले सांसद व विधायकों ने गांव से मुंह फेर लिया है। जबकि गांव को बच्चों को स्कूल जाने के लिए कोई रास्ता नही है। इसके चलते बच्चों का भविष्य अंधकार में गुजर रहा है। वहीं गांव के मंदिर के पुजारी घनश्याम तिवारी का साफ तौर पर कहना है। कि ग्राम प्रधान से लेकर जिले के जिम्मेदार किसी भी समस्या से बेखबर नही है। कई बार अवगत कराया गया लेकिन कोई निराकरण नही किया गया है। उन्होंने कहा अगर गांव का विकास जल्द शुरू नही किया गया तो वो मंदिर परिसर में आत्महत्या जैसी घटना को अंजाम भी दे सकते हैं। फिलहाल ग्रामीणों में इन समस्याओं को लेकर रोष व्याप्त है।