इन सब खूबियों के बीच एक बड़ी खामी भी निकल कर सामने आई। कार्डियोलॉजी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर धड़ल्ले से निजी प्रैक्टिस करते हैं। और इसके लिए फीस के रूप में मोटी रकम ही वसूल करते हैं। वहीं इन डॉक्टरों के माध्यम से कार्डियोलॉजी पहुंचने वाले मरीजों को प्राथमिकता मिलती है।
अच्छे स्थानों में गिनती होती है
कानपुर के रावतपुर स्थित लक्ष्मीपत सिंघानिया ह्रदय रोग संस्थान (Cardiology) की गिनती प्रदेश के अच्छे संस्थानों में होती है। जहां पर बड़ी संख्या में कानपुर ही नहीं फतेहपुर, कानपुर देहात, उन्नाव, हरदोई आदि जनपदों से हृदय रोगी उपचार के लिए पहुंचते हैं। एक अनुमान के मुताबिक हृदय रोग संस्थान की ओपीडी में रोजाना लगभग 800 मरीज देखे जाते हैं। वहीं अभी तक संस्थान में 160 बेड मरीजों को भर्ती करने के लिए उपलब्ध थे। जिसे बढ़ाकर 180 कर दिया गया है। इस संबंध में बातचीत करने पर हृदय रोग संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर विनय कृष्ण ने बताया कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की संख्या अब 140 हो गई है। उपचार के लिए आने वाले मरीजों का कोविड-19 टेस्ट कराया जाता है। परिणाम आने तक उन्हें विशेष रूप से बनाए गए वेटिंग एरिया में रखा जाता है।