जोधपुर जिले में राजीविका फेक्ट फाइल 10400 समूहों का अब तक गठन 116000 महिलाएं जुड़ी इन उत्पादों को भी डिजिटल मार्केटिंग का इंतजार केरू ग्राम पंचायत की महिलाओं की ओर से निर्मित बाजरे के बिस्किटसालावास कॉटन दरी
डांगियावास के एम्ब्राइडरी प्रॉडक्ट खेतों में काम करती थी अब डिजिटल सखीजोधपुर जिले के पीपाड़ ब्लॉक के कोसाना गांव में खेतों में काम करने वाली सरिता देवी सैनी राजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आज ग्राम स्तर तक बैंकिंग सेवाएं दे रही है। कॉमन सर्विस सेंटर के सहयोग से डिजीपे सखी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली सरिता डिजिटल माध्यम से ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ आधार आधारित प्रणाली से हर घर तक पहुंचा रही है
नवाचार पर ध्यान देना होगा राजीविका समूह की महिलाओं की ओर से हेंड मेड प्रोडक्ट की क्वालिटी व नवाचार पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि उत्पाद की बाजार में अलग पहचान स्थापित हो। समूह की बहनों को मार्केट के हिसाब से उत्पाद बनाने व सेल करने का प्रशिक्षण मिले इसके प्रयास किए जा रहे है।
-रूमा देवी राजीविका ब्राण्ड एबेंसडर