अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) निशांत भारद्वाज ने बताया कि कचरा बीनने वाले एक दम्पती सांगरिया फांटा क्षेत्र में परिवार के साथ झुग्गी झोंपड़ी में रहते हैं। दम्पती शनिवार अपराह्न क्षेत्र में कचरा बीनने के काम में व्यस्त थे। चार साल की मासूम झोंपड़ी के पास ही अकेली खेल रही थी। तभी पैदल आए दो व्यक्तियों ने उसे अकेली देखी और गोद में उठाकर ले गए। कुछ देर बाद परिजन आए और मासूम के नजर न आने पर तलाश शुरू की, लेकिन मासूम का पता नहीं लग पाया। रात को दम्पती थाने पहुंचे और अज्ञात के खिलाफ बेटी के अपहरण की एफआइआर दर्ज कराई।
मासूम के गायब होने से पुलिस हरकत में आई और सीसीटीवी कैमरों के साथ ही बेसिक पुलिसिंग से तलाश शुरू की। एडीसीपी भारद्वाज, सहायक पुलिस आयुक्त (पश्चिम) छवि शर्मा व थानाधिकारी नितिन दवे के निर्देशन में 15-20 पुलिस अधिकारी व जवानों की टीमें बनाकर तलाश में भेजी गईं। इस बीच, हेड कांस्टेबल कमलेश मीणा के नेतृत्व में पुलिस ने रात आठ बजे पुरी तिराहा के पास मासूम बच्ची को एक युवक के साथ घूमते देखा। पुलिस ने तुरंत युवक को पकड़ लिया और मासूम को दस्तयाब किया। दोनों को थाने लाए। परिजन को देख मासूम रोने लग गईं। जांच के बाद उसे परिजन को सौंप दिया गया। पुलिस ने सांगरिया क्षेत्र निवासी रवि बावरी को गिरफ्तार कर लिया। उसके साथी श्रवण बावरी की तलाश की जा रही है। दोनों आरोपी भी कचरा बीनने का काम करते हैं।
मासूम को लेकर सिटी बस में चढ़े, कुछ दूर उतरे
सांगरिया फांटा से मासूम बच्ची का अपहरण करने के कुछ ही दूरी पर दोनों आरोपी एक सिटी बस में सवार हो गए थे। कुछ दूरी पर आगे वाले चौराहे पर दोनों युवक मासूम के साथ नीचे उतर गए थे। इसके बाद श्रवण कहीं चला गया था। दूसरा आरोपी रवि बच्ची को लेकर सोजती गेट, पुरी तिराहा व रेलवे स्टेशन के पास घूमाने लगा।
भीख मांगने के लिए अपहरण की आशंका
पुलिस ने प्रारम्भिक जांच में मासूम के साथ किसी तरह की गलत हरकत या अनहोनी की आशंका से इनकार किया है। हालांकि इसका रविवार को मेडिकल कराया जाएगा। अपहरण का कारण पता नहीं लग पाया है। पुलिस को अंदेशा है कि भीख मंगवाने के लिए आरोपियों ने उसका अपहरण किया होगा।