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Phalodi Satta Market: चुनाव में अपनी भविष्यवाणी से हलचल पैदा कर देता है फलोदी सट्टा बाजार, ऐसे तय होते हैं भाव

Phalodi Satta Market Latest News: फलोदी सट्टा बाजार में अलग-अलग राज्यों से जुड़े एजेंट्स होते हैं, जो स्थानीय राजनीति, जातीय समीकरण और जनभावनाओं की जानकारी समय-समय पर देते रहते हैं, ऐसे में बाजार के भाव बदलते रहते हैं।

जोधपुरJan 25, 2025 / 03:21 pm

Rakesh Mishra

Phalodi Satta Market update news
Phalodi Satta Market Update News: राजस्थान के जोधपुर का फलोदी शाही हवेलियां, प्रवासी पक्षी कुरजा और नमक के लिए दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन जैसे ही देश में चुनावों का दौर शुरू होता है तो यहां का सट्टा बाजार भी सुर्खियों में छा जाता है। दरअसल, देश-दुनिया में फलोदी सट्टा बाजार की अलग ही पहचान है।
फलोदी सट्टा बाजार अपने सटीक अनुमान के लिए जाना जाता है। लेकिन, आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर फलोदी सट्टा बाजार किस आधार पर काम करता है और उसकी भविष्यवाणी कितनी सटीक होती है।

दो मुख्य समीकरण पर चलता है बाजार

दरअसल, फलोदी सट्टा बाजार के दो मुख्य समीकरण होते हैं। ये हैं खाना और लगाना। खाना का मतलब यह होता है कि दांव उस पर लगाया जाता है, जिसके जीतने की संभावना काफी कम होती है। वहीं, लगाना का मतलब मजबूत दावेदार पर दांव लगाना होता है। सवाल यह भी खड़ा होता है कि आखिर फलोदी सट्टा बाजार चुनावों में किस आधार पर अपनी भविष्याणी करता है।

ऐसे तय होते हैं भाव

बाजार के जानकारों के अनुसार भाव इस आधार पर तय होते हैं कि किसी पार्टी या फिर किसी उम्मीदवार के जीतने की संभावना कितनी ज्यादा और कम है। अगर किसी पार्टी के ज्यादा सीटें जीतने की संभावना कम होती है तो उस पर उच्च ऑड्स (भाव) मिलते हैं। ऐसे में अगर वह पार्टी या उम्मीदवार जीतता है तो बड़ा मुनाफा होता है। वहीं, अगर किसी पार्टी की जीत तय मानी जा रही हैं तो उस पर कम ऑड्स दिए जाते हैं। ऐसे में मुनाफा भी काफी कम होता है।

एजेंट्स की रहती है नजर

जानकार बताते हैं कि फलोदी सट्टा बाजार में अलग-अलग राज्यों से जुड़े एजेंट्स होते हैं, जो स्थानीय राजनीति, जातीय समीकरण और जनभावनाओं की जानकारी समय-समय पर देते रहते हैं। ऐसे में सट्टा बाजार के भाव भी लगातार बदलते रहते हैं।
हालांकि, अब फलोदी सट्टा बाजार काफी हाइटेक को चुका है। यहां पहले की तरह पर्चियां नहीं निकलती हैं। अब मोबाइल फोन के जरिए ही दांव लगाया जाता है। ऐसे में दांव लगाने वाला जीत जाता है तो उसे भुगतान मोबाइल वॉलेट या फिर अन्य माध्यमों के जरिए किया जाता है।

बारिश पर भी लगता था सट्टा

दरअसल, फलोदी में गांधी चौक नामक जगह है, जहां फल मंडी हुआ करती थी। वहां व्यापारी अपना-अपना व्यापार करते थे। ऐसे में खाली समय में हार-जीत, बारिश, फसल और मवेशियों के होने वाले बच्चों के ऊपर सट्टा लगाना शुरू हो गया। धीरे-धीरे फलोदी सट्टा बाजार की सटीक भविष्यवाणी चर्चाओं में लाने लगी।
इसके बाद छोटी-मोटी बातों पर सट्टा लगाने से शुरू हुआ यह दौर अब क्रिकेट और राजनीति की दुनिया तक पहुंच चुका है। जानकार कहते हैं कि फलोदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणी काफी सटीक बैठती है। हालांकि, कई बार यहां का सट्टा बाजार गलत भी साबित हुआ है।
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दिल्ली चुनाव को लेकर भविष्यवाणी

हाल ही में देश में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो फलोदी सट्टा बाजार ने राजस्थान की 9 लोकसभा सीटों पर जीतने वाले प्रत्याशियों को लेकर अपनी भविष्यवाणी की थी। इसमें से फलोदी सट्टा बाजार की 8 सीटों पर भविष्यवाणी बिल्कुल सटीक बैठी थी।
इस वक्त भी फलोदी सट्टा बाजार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर अपना पूर्वानुमान जारी किया है। बाजार के भावों के अनुसार दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी जीतती नजर आ रही है। उसे केवल भाजपा से टक्कर मिल रही है। बाजार ने दिल्ली में आप पार्टी को 37 से 39 सीटें दी हैं। वहीं, भाजपा के 31 से 33 सीटें जीतने का पूर्वानुमान जारी किया है।
नोटः यहां पर दी गई जानकारी फलोदी में सट्टा बाजारों के जानकारों के माध्यम से दी गई है। हमारा उद्देश्य सट्टा को किसी भी प्रकार से प्रोत्साहन करना नहीं है।

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