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जोधपुर

गोडावण की तरह दिखने वाले दुर्लभ पक्षी को भारतीय सीमा में घुसने पर पकड़ा था सेना ने

लोकडॉउन में सीमा पार कर पहुंचे होबारा बस्टर्ड को जोधपुर में नया जीवनबीएसएफ जवानों ने पकड़ा था टैग लगे तिलोर को

जोधपुरJun 12, 2020 / 01:57 pm

Nandkishor Sharma

गोडावण की तरह दिखने वाले दुर्लभ पक्षी को भारतीय सीमा में घुसने पर पकड़ा था सेना ने

गोडावण की तरह दिखने वाले दुर्लभ पक्षी को भारतीय सीमा में घुसने पर पकड़ा था सेना ने

जोधपुर. लॉक डॉउन में भारतीय सीमा पार कर पहुंचे बस्टर्ड समूह के दुर्लभ पक्षी तिलोर ( होबारा बस्टर्ड) को जोधपुर में नया जीवन मिला है। गोडावण की तरह नजर आने वाला दुर्लभ तिलोर पक्षी शीतकाल में भारत के जैसलमेर बीकानेर और गुजरात के कुछ क्षेत्रों में आते है। पाकिस्तान में इसका शिकार बहुतायत से होने के कारण वर्ष 2014 में वहां की सुप्रीम कोर्ट भी प्रतिबंध लगा चुकी है।
पैरों में मिले थे तीन टैग
सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने तिलोर को जैसलमेर के पुलिस थाना नाचना के सीमावर्ती बाहला गांव के पास भूंगरी सीमा चौकी क्षेत्र में पकड़ा था और पक्षी के पैरों में तीन टैग लगे हुए थे। सीमा सुरक्षा बल ने उनके पैरों में लगे टैग उतार कर जब्त कर लिए और घायल पक्षी को वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया जहां से 9 अप्रैल को जोधपुर वन्यजीव चिकित्सालय रेफर किया गया। टैग से पता चला की घायल तिलोर अबु धाबी स्थित कृत्रिम तिलोर प्रजनन केंद्र के है। वन्यजीव चिकित्सक डॉ श्रवण सिंह राठौड़ व चिकित्सा सहायक महेंद्र गहलोत ने उपचार शुरू किया।
किसी को पास जाने की इजाजत नही
मादा तिलोर को कड़ी सुरक्षा में एसडीएस विशेष खाद्य पदार्थ, रिजगा,उबले अंडे,मीट पीस,मतीरा और बारीक कंकर भोजन के रूप में दिया जा रहा है। चिकित्सक स्टाफ के अलावा किसी को भी तिलोर के पास जाने की अनुमति नही है। मुख्य वन संरक्षक प्रियरंजन और उपवन संरक्षक महेश चौधरी ने बताया की घायल तिलोर के पंखों की ऐरो डायनेमिक जांच के बाद स्वस्थ पाए जाने पर आगामी शीतकाल में पुन: सीमा क्षेत्र में स्वतंत्र कर दिया जाएगा।
पक्षी की फैक्ट फाइल
वैज्ञानिक नाम : कलमयदोटिस मैकेएनी
विचरण क्षेत्र : मध्य एशिया के अरब क्षेत्र से पश्चिमी राजस्थान तक
भारत में प्रवास : नवंबर से मार्च
परियोजना : ईआरडीएस फाउंडेशन संस्थान के सामुदायिक गोडावण संरक्षण परियोजना के अंतर्गत युवा वन्यजीव स्वयंसेवक पिछले 2 वर्ष से इसके आवागमन और विचरण के इलाकों की कर रहे मैपिंग

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