पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम के उद्देश्य से मुख्यालय की ओर से दो जनवरी से साइबर शील्ड अभियान चल रहा है। इसी के तहत सात करोड़ की साइबर ठगी पकड़ी गई। कुड़ी भगतासनी, भगत की कोठी, बासनी थाने में चार मामले दर्ज कर 15 जनों को गिरफ्तार किया है। एडीसीपी निशांत भारद्वाज के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। आरोपियों ने अब तक साढ़े छह सात करोड़ की ठगी की है।
कार मालिकों के डेटा चुराते, युवतियां झांसे में लेती
भगत की कोठी थानाधिकारी छत्तरसिंह व एसआइ पदमा के नेतृत्व में पुलिस ने डीडीपी नगर के मकान में चल रहे कॉल सेंटर में दबिश देकर केबीएचबी निवासी कंचन प्रजापत को गिरफ्तार किया। उससे एक मोबाइल व दो रजिस्टर जब्त किए। संचालक गौरव पंजाबी व अमित सिंह उर्फ हन्नीसिंह नेशनल ब्रेक डाउन सर्विस टू इंडिया नाम से कॉल सेंटर चला रहे थे। दोनों पकड़े नहीं गए हैं। दोनों युवक वाहन डीलर या कम्पनियों से नई कार खरीदने वालों के डेटा चुराकर वॉट्सएप ग्रुप में सेंटर की 5-6 युवतियों को देते थे। जो मोबाइल पर सम्पर्क करती थीं और कार खराब होने पर 35 सौ से चार हजार रुपए में सर्विस मुहैया करवाने का झांसा देती थी। ऑनलाइन रुपए जमा होने पर कूरियर के मार्फत कार्ड भेजकर सिम तोड़कर फेंक देती थी। यह कॉल सेंटर एक साल से चल रहा था।
घर से कॉल सेंटर, दो युवक व 12 युवतियों गिरफ्तार
कुड़ीभगतासनी थानाधिकारी राजेन्द्र चौधरी व एसआइ शिमला के नेतृत्व में पुलिस ने केबीएचबी सेक्टर-9 के मकान में पावर ब्रेक डाउन सर्विस इंडिया व सोल्यूशन सर्विस ऑफ इंडिया नाम वाले कॉल सेंटर पर दबिश दी। बतौर संचालक मूलत: पंचोलिया नाडी हाल केबीएचबी सेक्टर-9 निवासी सुमेरचंद उर्फ सौरभ कण्डारा पुत्र सुरेन्द्र कुमार और मूलत: चतुरपुरा सुवालिया गांव हाल केबीएचबी सेक्टर 8 जे निवासी जगदीश पुत्र दयाराम जाट को गिरफ्तार किया गया। अपने-अपने घरों से ही कॉल सेंटर चलाने वाली लक्ष्मी सुथार, लक्षिता कुमावत, संजू यादव, भावना मेवाड़ा, सोनिया वाल्मिकी, पूजा सिसोदिया, प्रियंका मेवाड़ा, पूनम कड़ेला, मनीषा मेघवाल व रिया को गिरफ्तार किया गया। दो साल से कॉल सेंटर चल रहा था।
युवतियों को 7 सौ, कूरियर को 100 रुपए कमीशन
कॉल सेंटर की युवतियों को प्रति ग्राहक सात सौ रुपए कमीशन दिया जाता था। वहीं, कार्ड की डिलीवरी देने वाले कूरियर को 100-150 रुपए दिए जाते थे। कार मालिकों के डेटा मुहैया करवाने वाली एजेंसी या कम्पनी को प्रति डेटा 5 रुपए कमीशन दे रहे थे।
815 शिकायतों का निस्तारण, 83 मोबाइल बरामद
अभियान के तहत 2 से 17 जनवरी तक टोल फ्री नम्बर 1930 पर मिली 815 शिकायतों का निस्तारण किया गया। 18,64,342 रुपए होल्ड कराकर 10,86,290 रुपए रिफण्ड कराए गए। 203 मोबाइल नम्बर व 799 आइएमइआइ नम्बर ब्लॉक कराए गए हैं। साइबर सैल के हेड कांस्टेबल प्रेम चौधरी व टीम ने विभिन्न थानों में गुम होने वाले 83 मोबाइल बरामद किए। कुड़ी भगतासनी थाना पुलिस ने दो कार व दो बाइक 38 पुलिस एक्ट में जब्त की।