अभी तक कई बीमारियों की जांच पुणे स्थित वायरोलॉजी लैब में करवाई जा रही थी। यहां से सैम्पल भेजने और इसके बाद रिपोर्ट आने में बहुत समय लगता था। अब ऐसी होगी परिस्थितियां
बायोसेफ्टी लेवल तीन तक की कई जांचें अब जोधपुर में हो सकेगी। इससे न सिर्फ जोधपुर बल्कि पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को फायदा होगा।
– 5 करोड़ का बजट तकनीकी उपकरण व मैन पावर के लिए दिया गया है।
– 4 करोड़ की राशि सिविल व इलेक्ट्रिक वर्क पर खर्च होगी। सेंटर फोर एक्सीलेंस बनाने की दरकार
इस संस्थान को सेंटर फोर एक्सीलेंस बनाने की योजना छह साल पहले बनी थी। जिससे कई रोगों पर रिसर्च व फैलोशिप में यह प्रदेश का एकमात्र संस्थान बन सके। अब बजट मिलने से इसके एक्सीलेंस सेंटर बनने की उम्मीद है।
सरकार से हमें बजट मिला है। इसमें सिविल वर्क और दूसरे काम होंगे। लैब भी स्थापित हो सकेगी। इसमें बायोसेफ्टी लेवल 3 तक की जांच हो सकेगी। पहले से काफी ज्यादा फायदा प्रदेश व पश्चिमी राजस्थान को होगा।
– डॉ. पी.के खत्री, नोडल अधिकारी, संक्रामक रोग संस्थान जोधपुर
– मदनलाल परिहार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी मेडिकल विंग