ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक घनश्याम सोनी ने बताया कि गत वर्ष 23 मई को झालामण्ड बाइपास पर बोलेरो पिकअप और गुड़ाबिश्नोइयान गांव में मकान से 170 पैकेट से 865 किलो गांजा जब्त किया गया था। इस मामले में अब तक अनिल कुमार, गुमान गहलोत, नरेन्द्र, बलदेव उर्फ बंटी गहलोत, भागीरथ बिश्नोई और भवाद निवासी मेहराम बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया था। ट्रक चालक सीताराम मेघवाल फरार था। जिसे करवड़ थाना पुलिस की मदद से पकड़ा गया। पूछताछ के बाद एनसीबी ने करवड़थानान्तर्गतबोडी खुर्द गांव निवासी सीताराम पुत्र कछराराम मेघवाल को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ की जा रही है। इस मामले में राकेश सांई व अन्य अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं।
खाली ट्रक लेकर ओडिशा जाता, गांजा लेकर आता
चालक सीताराम मेघवाल से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। उसने तस्करी के लिए अपनी ट्रक की बॉडी में चद्दर के नीचे गोपनीय स्थान बना रखा था। वह बगैर माल भरे ट्रक लेकर ओडिशा के मलकानगिरी जाता था, जहां से गांजा भरकर जोधपुर आता था। वह चार ट्रिप में करीब 25 क्विंटल से अधिक गांजा ला चुका है। जिसकी कीमत 12.50 करोड़ रुपए आंकी गई है। तीसरे चक्कर में करवड़ और चौथे चक्कर में लाया गांजा एनसीबी ने जब्त किया था। पहले दो ट्रिप का गांजा स्थानीय तस्करों की मदद से हुक्का बार व अन्य जगहों पर सप्लाई कर दिया गया था।
राकेश व मेहराम गांजा भरवाते, बंटी व भाई को सौंपते
ओडिशा के मलकानगिरी में किंग पिन राकेश सांई और मेहराम बिश्नोई से गांजा लेकर आता था। दोनों ट्रक में गांजा लोड करवाते थे। जोधपुर लाकर बंटी गहलोत व उसके भाई को सौंपते थे। आरोपी चालक मलकानगिरी से छत्तीसगढ़ में अमरकोट, महाराष्ट्र में नागपुर, मध्यप्रदेश में भोपाल और राजस्थान में कोटा होकर जोधपुर पहुंचता था।