लूणी में गरजे हिमंत सरमा, कहाः फ्री मोबाइल दे अपना चुनावी खर्चा निकाल रही है गहलोत सरकार
मई तक रहती है प्रदूषित हवा
मानसून लौटने के बाद हवा की गति एकदम मंद पड़ जाने से प्रदूषक धीरे-धीरे स्थानीय वातावरण में ही तैरने लगते हैं। सर्दियों के मौसम में हवा धीरे-धीरे खराब हो जाती है। धुंध व कोहरे के कारण एक्यूआई 250 से 300 और कई बार 300 के पार निकल जाता है। ऐसी स्थिति फरवरी तक रहती है। उसके बाद हवा शुरू हो जाती है। अप्रेल और मई में धूल भरी हवा और आंधी चलने से प्रदूषण फिर अधिक हो जाता है।
एक चंद्रयान बनाओ…सोनिया-राहुल को चांद पर छोड़ दो : सरमा
छह प्रदूषक हैं जिम्मेदारवायु प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से धूल कण यानी पीएम 10 व पीएम 2.5 कणों के अलावा नाइट्रोजन के ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और ओजोन जिम्मेदार है। जोधपुर में वायु प्रदूषण मुख्यत: पीएम कणों (पार्टिकुलेट मैटर) के कारण ही सर्वाधिक रहता है। सर्दियों में वाहनों के धुएं से नाइट्रोजन और कार्बन के ऑक्साइड बनने से वायु प्रदूषित हो जाती है।
महीना- एक्यूआई (अनुमानित)
जनवरी- 220
फरवरी- 200
मार्च- 180
अप्रेल- 260
मई- 300
जून- 120
जुलाई- 100
अगस्त- 80
सितम्बर- 60
अक्टूबर- 150
नवम्बर- 220
दिसम्बर- 250