— ज्यादा पानी होते ही ऑटोमेटिक बंद होगा पम्प इकाइयों से पानी निकासी में निर्धारित अनुमति से ज्यादा पानी डिस्चार्ज किया गया, तो जेपीएनटी में लगे जीपीआरएस मुख्य सर्वर से उक्त इकाई के पम्प की बिजली स्वत: कट जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी इकाई को 100 किलोलीटर प्रतिदिन (केएलडी) की अनुमति है। अगर उद्यमी इससे ज्यादा प्रदूषित पानी निकालने की कोशिश करेगा, तो जेपीएनटी से स्वत: उस इकाई का पंप बंद हो जाएगा।
—— छेडख़ानी करते ही बजेगा अलॉर्म – स्काडा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो इकाइयों से निकलने वाली की मात्रा की ऑटोमेटिक गणना करता है। – स्काडा मीटर में माइक्रो चिप होती है, जो इकाइयों से डिस्चार्ज किए जा रहे पानी की गणना करेगी।
– स्काडा मीटर तकनीकी रूप से एडवांस्ड है, जिसमें किसी प्रकार की छेडख़ानी करते ही अलॉर्म बज जाएगा। – जयपुर स्थित सेंटर कंट्रोल रूम में आईटी सेल को चिप के माध्यम से सर्वर पर निर्धारित अनुमति से ज्यादा पानी डिस्चार्ज होने की जानकारी मिल जाएगी।
———— जेपीएनटी से जुड़ी इकाइयां व पानी डिस्चार्ज – 308 टेक्सटाइल इकाइयां – 90 स्टील इकाइयां – 50-300 केएलडी टेक्सटाइल इकाई को पानी डिस्चार्ज की अनुमति – 5 से 25 केएलडी स्टील इकाई को पानी डिस्चार्ज की अनुमति
——- बोर्ड मुख्यालय जयपुर से टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से अनुमति से ज्यादा डिस्चार्ज पानी के अंकुश के लिए यह कदम उठाया गया है। जोधपुर की टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों में स्काडा मीटर लग गए है। करीब 70 प्रतिशत इकाइयां केलिब्रेट हो गई है। ऑटो कट व सॉफ्टवेयर अपडेशन का काम बाकी है, जो जल्द हो जाएगा।
अमित शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान राजय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड —— जेपीएनटी एनजीटी व विभिन्न विभागों के निर्देशानुसार इकाइयों से निकलने वाले अवैध पानी के डिस्चार्ज पर अंकुश लगाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है।
जीके गर्ग, मैनेजिंग ट्रस्टी जेपीएनटी