scriptPOLLUTION–अब जयपुर से होगी टेक्सटाइल-स्टील इकाइयों की मॉनिटरिंग | Now monitoring of textile-steel units from Jaipur | Patrika News
जोधपुर

POLLUTION–अब जयपुर से होगी टेक्सटाइल-स्टील इकाइयों की मॉनिटरिंग

– राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इकाइयों से निकलने वाले पानी की मात्रा पर रखेगा नजर
– फ्लो मीटर को स्काडा मीटर से जोड़ा जाएगा, छेडख़ानी करने पर बजेगा अलॉर्म
– अनुमति से ज्यादा पानी डिस्चार्ज पर बंद हो जाएगा पम्प
– जेपीएनटी से जुड़ी है 400 इकाइयां

जोधपुरJul 29, 2021 / 06:23 pm

Amit Dave

POLLUTION--अब जयपुर से  होगी टेक्सटाइल-स्टील इकाइयों की मॉनिटरिंग

POLLUTION–अब जयपुर से होगी टेक्सटाइल-स्टील इकाइयों की मॉनिटरिंग

जोधपुर।

टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से डिस्चार्ज होने वाले केमिकलयुक्त पानी पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के साथ राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी सख्त है। एनजीटी की ओर से निरन्तर दिए जा रहे निर्देशों की पालना में अब टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से डिस्चार्ज होने वाले केमिकलयुक्त पानी की मात्रा की मॉनिटरिंग जयपुर से होगी। सभी टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों में लगे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर को जीपीआरएस आधारित सुपरवाइजरी कंट्रोल एण्ड डाटा एक्वीजिशन (स्काडा) से जोड़ा जाएगा। जिसकी मॉनिटरिंग जोधपुर प्रदूषण निवारण ट्रस्ट (जेपीएनटी) में लगे जीपीआरएस सिस्टम के साथ जयपुर से भी होगी। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय में सेंटर कंट्रोल रूम बनाया गया है। वहां लगे सर्वर से जोधपुर की इकाइयों से डिस्चार्ज होने वाले पानी की गणना होगी। सेंटर कंट्रोल रूम से ही जोधपुर के अलावा पाली, बालोतरा, जयपुर व भिवाड़ी की टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से निकलने वाली पानी की मॉनिटरिंग की जाएगी।

ज्यादा पानी होते ही ऑटोमेटिक बंद होगा पम्प

इकाइयों से पानी निकासी में निर्धारित अनुमति से ज्यादा पानी डिस्चार्ज किया गया, तो जेपीएनटी में लगे जीपीआरएस मुख्य सर्वर से उक्त इकाई के पम्प की बिजली स्वत: कट जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी इकाई को 100 किलोलीटर प्रतिदिन (केएलडी) की अनुमति है। अगर उद्यमी इससे ज्यादा प्रदूषित पानी निकालने की कोशिश करेगा, तो जेपीएनटी से स्वत: उस इकाई का पंप बंद हो जाएगा।
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छेडख़ानी करते ही बजेगा अलॉर्म

– स्काडा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो इकाइयों से निकलने वाली की मात्रा की ऑटोमेटिक गणना करता है।

– स्काडा मीटर में माइक्रो चिप होती है, जो इकाइयों से डिस्चार्ज किए जा रहे पानी की गणना करेगी।
– स्काडा मीटर तकनीकी रूप से एडवांस्ड है, जिसमें किसी प्रकार की छेडख़ानी करते ही अलॉर्म बज जाएगा।

– जयपुर स्थित सेंटर कंट्रोल रूम में आईटी सेल को चिप के माध्यम से सर्वर पर निर्धारित अनुमति से ज्यादा पानी डिस्चार्ज होने की जानकारी मिल जाएगी।
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जेपीएनटी से जुड़ी इकाइयां व पानी डिस्चार्ज

– 308 टेक्सटाइल इकाइयां

– 90 स्टील इकाइयां

– 50-300 केएलडी टेक्सटाइल इकाई को पानी डिस्चार्ज की अनुमति

– 5 से 25 केएलडी स्टील इकाई को पानी डिस्चार्ज की अनुमति
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बोर्ड मुख्यालय जयपुर से टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से अनुमति से ज्यादा डिस्चार्ज पानी के अंकुश के लिए यह कदम उठाया गया है। जोधपुर की टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों में स्काडा मीटर लग गए है। करीब 70 प्रतिशत इकाइयां केलिब्रेट हो गई है। ऑटो कट व सॉफ्टवेयर अपडेशन का काम बाकी है, जो जल्द हो जाएगा।
अमित शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी

राजस्थान राजय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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जेपीएनटी एनजीटी व विभिन्न विभागों के निर्देशानुसार इकाइयों से निकलने वाले अवैध पानी के डिस्चार्ज पर अंकुश लगाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है।
जीके गर्ग, मैनेजिंग ट्रस्टी

जेपीएनटी

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