जोधपुर . राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग व वीरेंद्रकुमार माथुर की खंडपीठ में जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी ओल्ड कैम्पस में छात्रसंघ चुनाव के समय मोहनपुरा पुलिया पर रास्ता रोकने के सम्बंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने जेएनवीयू से मौखिक रूप से पूछा कि आपके पास पाली रोड पर इतना बड़ा कैम्पस है। सभी चुनाव एक ही जगह क्यों नहीं करवा लेते।
इस तरह रास्ता रोकना गलत है.. इस पर जेएनवीयू की ओर से उपस्थित हुए एएजी पीआर सिंह जोधा ने कहा कि ओल्ड कैम्पस में लॉ फैकल्टी और कॉमर्स फैकल्टी संचालित होती है, इसलिए यहां चुनाव करवाए जाते हैं। चुनाव के दौरान रोक दिया था आसपास रहने वालों का रास्ता.. वैसे यहां मोहनपुरा नामक करीब सौ घरों की बस्ती है और उनके आने-जाने के लिए एक ही रास्ता है। इसलिए अगली बार यहां के निवासियों को पास वितरित कर दिए जाएंगे या फिर उन्हें रास्ता मुहैया करवा दिया जाएगा। इसी तरह राज्य सरकार की ओर से भी कहा गया कि अगली बार यहां रहने वाले क्षेत्रवासियों को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
अगली सुनवाई 4 दिसंबर
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता विपुल सिंघवी ने कहा कि चुनाव के दिन उन्हें कोर्ट आने तक का रास्ता नहीं दिया गया। वे किसी तरह कोर्ट पहुंचे, यहां तक कि वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों को अपना परिचय देकर इमरजेंसी भी बताई, फिर भी उन्होंने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें पुलिया से नहीं गुजरने दिया। इसलिए मामले में जेएनवीयू और सरकार की ओर से कोर्ट को लिखित में आश्वासन देना चाहिए। इस पर कोर्ट ने अप्रार्थीगण को अगली सुनवाई पर लिखित रिजॉइंडर पेश करने का आदेश दिया। खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई 4 दिसंबर मुकर्रर की है। सरकार की ओर से एएजी राजेश पंवार और अधिवक्ता श्याम पालीवाल ने पैरवी की।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता विपुल सिंघवी ने कहा कि चुनाव के दिन उन्हें कोर्ट आने तक का रास्ता नहीं दिया गया। वे किसी तरह कोर्ट पहुंचे, यहां तक कि वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों को अपना परिचय देकर इमरजेंसी भी बताई, फिर भी उन्होंने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें पुलिया से नहीं गुजरने दिया। इसलिए मामले में जेएनवीयू और सरकार की ओर से कोर्ट को लिखित में आश्वासन देना चाहिए। इस पर कोर्ट ने अप्रार्थीगण को अगली सुनवाई पर लिखित रिजॉइंडर पेश करने का आदेश दिया। खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई 4 दिसंबर मुकर्रर की है। सरकार की ओर से एएजी राजेश पंवार और अधिवक्ता श्याम पालीवाल ने पैरवी की।