जर्मनी में आगामी जनवरी माह में प्रस्तावित विश्व प्रसिद्ध आइएमएम कोलोन फेयर स्थगित कर दिया गया है। यह फेयर जर्मनी के कोलोन शहर में पिछले 75 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। यह यूरोप का सबसे बड़ा फर्नीचर फेयर माना जाता है। इस बार फेयर में भाग लेने वाले एग्जीबिटर्स का रुझान बहुत ही कम रहा है। इसे देखते हुए इस फेयर को स्थगित किया गया है।
जोधपुर से इस फेयर में भाग लेने वाले निर्यातक करीब 500 करोड़ और पूरे भारत के निर्यातक हजारों करोड़ों के ऑर्डर यहां से लेते हैं। यह यूरोप में भारत का गेट-वे भी माना जाता है। इस बार यह गेट-वे नहीं खुलेगा। यूरोप में होने वाले अन्य फेयर जैसे मेशन ऑबजेक्ट, मिलान फेयर, एम्बाईटे फेयर, हनोवर शहर में होने वाले डोमोटेक्स फेयर में भी एक्जीबीटर्स की कमी होने के कारण इन फेयर्स की साइज भी कम की गई है। इन फेयर्स से जोधपुर के कई नए स्टार्टअप को अपने निर्यात बिजनेस को निखारने का मौका मिलता है।
संघर्ष ने बिगाड़ा माहौल
इजराइल- लेबनान व इरान के बीच युद्ध व अमरीका में महंगाई से हैंडीक्राफ्ट उद्योग प्रभावित हुआ है। साथ ही रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से पूरे यूरोप में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। स्वेज केनाल में हुती विद्रोहियों के निरंतर हमलों के कारण मालवाहक जहाजों का रूट अब अफ्रीका होते हुए लम्बा एवं अधिक महंगा हो चुका है। इससे निर्यात पर विपरीत असर पड़ा है। अमरीका में इलेक्शन के कारण कई ऑर्डर होल्ड हो चुके हैं। अब जोधपुर के निर्यातकों को नोएडा में आयोजित होने वाले दिल्ली फेयर से आस है।
हालात सुधरेंगे
जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट निर्यात उद्योग अभी संकट से जूझ रहा है। कई विदेशी फेयर्स रद्द हो चुके हैं या क्षमता से आधे हो चुके हैं। ऐसे में निर्यातकों को धैर्य से काम करना होगा। उम्मीद है जल्द ही स्थिति सामान्य होगी। - भरत दिनेश, अध्यक्ष, जोधपुर हैंडीक्राफ्टस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन
फेयर महत्वपूर्ण
आइएमएम कोलोन फेयर सबसे बड़ा यूरोपियन फर्नीचर फेयर होता है। मैं खुद कई बार इसमें हिस्सा ले चुका हूं। यह यूरोप में भारत का गेट वे भी होता है। इसका स्थगित होना निराशा भरा है। इसके अलावा यूरोप में ईयूडीआर के नए कानून भी विपरित असर डाल रहे हैं।
- मनीष झंवर, हैंडीक्राफ्ट निर्यातक