घर पर कोई नहीं था
वारदात को अंजाम देने के वक्त कोई घर पर नहीं था। मकान के नीचे बंशीधर की हार्डवेयर की दुकान है। इसके ऊपर बने मकानों में उसका छोटा पुत्र और पुत्रवधू रहती थी। बंशीधर की ओर से कस्बे में दूसरी जगह मकान बनाया था। इस वजह से 23 की रात्रि जागरण-सवामणी प्रसाद का आयोजन था। इस वजह से घूमचक्कर इलाके वाले मकान में कोई नहीं था। सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती
पीडि़त बंशीधर की छोटी पुत्रवधू की सोशल मीडिया पर 2 वर्ष पहले जयपुर के एक युवक से दोस्ती हुई। वह उससे मिलने जयपुर भी जाया करती थी। पुत्रवधू ससुरालवालों से अपने पीहर झुंझुनूं शहर में आने का बहाना बनाकर आती। यहां से वह जयपुर में अपने दोस्त से मिलने जाती। फिर वापस लौटकर झुंझुनूं आती। झुंझुनूं से वह अपने ससुराल नवलगढ़ चली जाती। इससे परिवारवालों को कभी शक भी नहीं हुआ।
कुछ जेवरात गैलरी में फैंक कर चला गया
पुत्रवधू का दोस्त चोरी किए गए जेवरात में कुछ जेवरात मकान की गैलरी में भी फैंक कर चला गया। बंशीधर की पुत्रवधू झुंझुनूं शहर में एक पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता की भतीजी भी है।