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झुंझुनू

बीकानेर जा सकता है झुंझुनूं का सेना भर्ती कार्यालय

Jhunjhunu Army recruiting office will go to Bikaner : भर्ती कार्यालय 1962 में भारत-चाइना के बीच हुई लड़ाई के वक्त से चल रहा है। उस वक्त इसकी जिम्मेदारी एक जेसीओ रैंक के आफिसर के पास थी। बाद में एक जून 1969 को इसे शाखा भर्ती कार्यालय (बीआरओ) के रूप में स्थापित कर इसकी कमान लेफ्टिनेंट कर्नल को संभलाई। वर्ष 2006 में इसे शाखा भर्ती कार्यालय से सेना भर्ती दफ्तर (एआरओ) बना दिया गया था।

झुंझुनूSep 30, 2023 / 01:29 pm

Jitendra

बीकानेर जा सकता है झुंझुनूं का सेना भर्ती कार्यालय

बीकानेर जा सकता है झुंझुनूं का सेना भर्ती कार्यालय

झुंझुनूं. Jhunjhunu Army recruiting office will go to Bikaner : वीरों की भूमि झुंझुनूं में गुढ़ा रोड पर संचालित सेना भर्ती दफ्तर (एआरओ) को बीकानेर शिफ्ट करने की कवायद चल रही है। इस संबंध में डॉयरेक्टर रिक्रुटिंग की ओर से पिछले दिनों जिला कलक्टर को पत्र लिखा गया था। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को भी पत्र की प्रति देकर इस संबंध राय मांगी गई है। मामले में सभी के अपने-अपने तर्क हैं। एक सुझाव यह भी दिया गया है कि राज्य में अब पचास जिले हो चुके हैं। ऐसे में बीकानेर में नया भर्ती कार्यालय खोला जा सकता है। उधर सेना भर्ती कार्यालय की शिफ्टिंग की कवायद पर पूर्व सैनिकों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि सेना भर्ती कार्यालय के शिफ्ट हो जाने से नई भर्ती वाले नौजवानों, सैनिकों व उनके परिवारों को कई प्रकार के कामकाज में परेशानी उठानी पड़ेगी।
पंचदेव से 2019 को गुढ़ा रोड पर शिफ्ट हुआ

पहले भर्ती दफ्तर किसान कालोनी में एक भवन में चलता था। आज यहां होमगार्ड कार्यालय चल रहा है। इसके बाद इसे पंचदेव मंदिर के सामने भवन में शिफ्ट कर दिया गया। यहां पर लंबे समय तक बीआरओ और एआरओ के रूप में यह संचालित होता रहा। यहां से इसे शहर के गुढ़ा रोड पर ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक के पास 27 फरवरी 2019 को शिफ्ट कर दिया गया। सेना से जुड़े लोग बताते हैं कि 1962 में चाइना के साथ हुई लड़ाई के दौरान यहां से काफी जवानों को भर्ती किया गया। इसके बाद भी यहां से लगातार सेना भर्ती रैली के जरिए भर्ती का सिलसिला जारी रहा।
भारत-चाइना की लड़ाई के वक्त से चल रहा है दफ्तर

जानकार बताते हैं कि भर्ती कार्यालय 1962 में भारत-चाइना के बीच हुई लड़ाई के वक्त से चल रहा है। उस वक्त इसकी जिम्मेदारी एक जेसीओ रैंक के आफिसर के पास थी। बाद में एक जून 1969 को इसे शाखा भर्ती कार्यालय (बीआरओ) के रूप में स्थापित कर इसकी कमान लेफ्टिनेंट कर्नल को संभलाई। वर्ष 2006 में इसे शाखा भर्ती कार्यालय से सेना भर्ती दफ्तर (एआरओ) बना दिया गया था।
…तो बीकानेर जाना पड़ेगा

दफ्तर अगर शिफ्ट हो जाता है तो यहां के पूर्व सैनिक व उनके परिवारों को संबंधित कार्य के लिए बीकानेर जाना पड़ेगा। साथ ही सेना में भर्ती होने वाले युवा वेरिफिकेशन के लिए बीकानेर जाएंगे।
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जिला कलक्टर को उन्होंने पत्र लिखा है। उसकी प्रति मुझे देकर पूछा गया है कि शिफ्ट करें तो क्या दिक्कत आएंगी। शिफ्ट करना या ना करना उनका अपना निर्णय है। हमनें अवगत करा दिया है कि यहां पर पूर्व सैनिक, वर्तमान सैनिक संख्या ज्यादा है। नौजवानों का भर्ती के प्रति गहरा लगाव है।
कर्नल अनिल पूनियां, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी झुंझुनूं

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