वहीं क्षेत्र का सबसे बड़ा अजीत सागर बांध सूखा पड़ा है। तो कोट गांव का सरजूसागर (कोट) बांध भी पूरा नहीं भरा है। अब दोनों बांधों के इस साल भरने की संभावना कम लग रही है। इस बार सबसे ज्यादा बरसात पिलानी में 708 एममए दर्ज की गई। वहीं सबसे कम 460 एमएम बुहाना क्षेत्र में दर्ज की गई।
कोट बांध पर नहीं चली चादर
उदयपुरवाटी से शाकभरी जाने वाले मार्ग पर कोट गांव के निकट बने सरजूसागर (कोट बांध) भी इस बार खाली रह गया। इस बांध की भराव क्षमता लगभग 25 फीट है, लेकिन वर्तमान में यह 23 फीट तक ही भरा हुआ है। यह अभी दो फीट खाली है।
एनीकटों ने रोकी पानी की आवक, बांध पूरा सूखा
खेतडी के तत्कालीन महाराजा अजीतसिंह ने 132 वर्ष पूर्व डाडा फतेहपुरा क्षेत्र में अजीत सागर बांध का निर्माण करवाया था ।बांध का निर्माण कार्य 16 जनवरी 1889 को शुरू हुआ था तथा 30 सितबर 1891 को पूरा हुआ। इस बांध का निर्माण कार्य राजा अजीत सिंह के निजी सचिव कन्हैयालाल की देखरेख में 86 हजार 394 रुपए की लागत से पूर्ण हुआ। इस बांध की भराव क्षमता 45 फीट है तथा बांध की क्षमता 4.63 एमसीएम है। बांध वर्तमान में एकदम सूखा है ।बांध के अंदर विलायती कीकर उगी हुई हैं । बांध 20 अगस्त 2010 में आई वर्षा तेज वर्षा से भरा था । इसमें पानी नहीं आने का प्रमुख कारण इसके पानी आवक क्षेत्र में जगह-जगह एनीकट बने हुए हैं जो पानी को रोक लेते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि इस बांध में यदि पानी आता है तो डाडा फतेहपुरा, नालपुर , त्यौन्दा , मेहाड़ा ,गोरीर, दुधवा तक कुओं में जल स्तर बढ़ जाता है।