किसी से आठ हजार तो किसी से ले रहे तेरह हजार
मेले में आने वाले दुकानदारों से किसी से साइज व लोकेशन के अनुसार आठ हजार रुपए लिए जा रहे हैं तो किसी से तेरह हजार व उससे ज्यादा। फूड स्टॉल व चकरी झूलों की रेट तो और भी ज्यादा है। मेले में दुकान लगा रहे झुंझुनूं शहर के एक व्यक्ति ने बताया कि उससे आठ हजार रुपए लिए हैं, इसकी रसीद तो दी है, लेकिन स्थानीय दुकानदारों को यह राशि वापस लौटानी चाहिए। दुकान लगा रही महिला ने बताया कि झुंझुनूं वालों से दुकान की राशि नहीं ली जानी चाहिए। उनके लिए लिए यह फ्री होना चाहिए। कपड़े व खान-पान तक सिमटा मेलाअधिकतर स्टॉल कपड़ों व खानपान की है। हालांकि मेले में दर्शकों की संख्या अच्छी है। लेकिन शहर वाले कम, ग्रामीण क्षेत्र के लोग ज्यादा नजर आ रहे हैं।
मरू महोत्सव:
जैसलमेर के मरू महोत्सव में मिस मूमल, मिस पोकरण, सबसे लम्बी मूंछ व पगड़ी बांधने जैसे कई रोचक कार्यक्रम होते हैं। पुष्कर मेला:
अजमेर जिले के पुष्कर का मेला तो अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो चुका। कार्तिक माह में लगने वाला मेले में ऊंट, घोडों की प्रतियोगिता होती है। साथ ही इसकी पहचान सबसे बड़े ऊंट मेलों में है। यहां हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं।
ऊंट महोत्सव:
बीकानेर के जूनागढ़ किले की लाल पृष्ठभूमि के सामने ऊंटों को खूबसूरती सभी को लुभाती है। ऊंटों को रंग-बिरंगे आभूषण और लगाम पहनाई जाती है। ऊंट सफ़ारी का आयोजन होता है।यह मेला भी नेशनल लेवल पर पहचान बना चुका।
फैक्ट फाइल
मेला स्थल: आबूसर -मेले की तारीख: तीन जनवरी से बारह जनवरी-अब तक बिक्री: एक करोड़ सत्तर लाख कुल स्टाल: 250आयोजक: जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र तथा सहयोग जिला प्रशासन अब तक लोग पहुंचे: करीब डेढ लाख
इनका कहना है
पिछली बार से अच्छा करने का प्रयास किया है। मरू महोत्सव व ऊंट महोत्सव में क्या अलग होता है, इसकी स्टडी करवाई जाएगी। मेले को स्टेट व नेशनल लेवल पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा। रामावतार मीणा, जिला कलक्टर झुंझुनूं