पुलिस के अनुसार डॉ. संजय धनखड़ गुजरात की तरफ फरार होने की फिराक में था। पुलिस हिरासत में लेने के बाद धनखड़ से और भी पूछताछ की जा रही है। एसपी ने बताया कि जो किडनी गायब हुई है, उसका बायो मेडिकल वेस्ट हुआ है या नहीं हुआ है, इसके बारे में भी पूछताछ की जाएगी।
धनखड़ हॉस्पिटल को किया सीज
इधर, जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने चिकित्सा विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें राजस्थान मेडिकल काउंसिल से डॉ. धनखड़ का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश की है। मामला उजागर होने के बाद धनखड़ हॉस्पिटल को सीज कर दिया है। साथ ही अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को भी रद्द कर दिया है।
पांच सदस्यों की जांच कमेटी ने पाया दोषी
किडनी कांड की जांच के लिए कलेक्टर ने पांच डॉक्टरों की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने जांच में डॉ. संजय धनखड़ को दोषी माना है। लापरवाही में सामने आया कि डॉ संजय धनखड स्वयं जनरल सर्जन है। किडनी का ऑपरेशन करते वक्त वहां नेफ्रोलाॅजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट भी मौजूद होना चाहिए था। इसके साथ ही डॉक्टर को किडनी निकालने के बाद उसकी बायोप्सी करवानी चाहिए थी, लेकिन नहीं करवाई गई। किडनी निकालने के बाद उसे ट्रे में रख दिया गया था, जिससे वह संक्रमित हो गई, जो बड़ी लापरवाही है। कमेटी ने माना है कि डॉ. धनखड ने संक्रमित किडनी के स्थान पर सही किडनी निकाल दी।