इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं, धात्रियों,और बच्चों को पोषाहार दिया जाता है। पोषाहार पैकेट में गर्भवती महिलाओं के लिए दलिया और खिचड़ी, 7 महीने से लेकर 3 वर्ष तक के बच्चों के लिए दलिया, खिचड़ी और बालाहार तथा धात्रियों के लिए मीठी दलिया, खिचड़ी और सादा दलिया शामिल है। इसलिए शुरू नहीं हो पाई- चेहरे की पहचान प्रणाली (फेस रिकग्निजेशन सिस्टम) योजना नववर्ष के साथ प्रारंभ होने वाली थी,लेकिन ओटीपी व फेस आईडी सिस्टम सही से काम नहीं करने के कारण शुरू नहीं हो पाई। इससे पहले आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ताओं को इसका प्रशिक्षण दिया गया है, अब प्रशिक्षण के बाद इसे शुरू किया जाएगा। दरअसल ये फेस रिकग्निजेशन और ओटीपी से पोषाहार वितरण का कार्य पोषण ट्रैकर पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।जिले में 1513आंगनबाड़ी केन्द्र महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित है। इसी कड़ी में जल्द ही जिलेभर के केन्द्रों पर चेहरे की पहचान प्रणाली सिस्टम लागू होने वाला है।
जिले में लाभार्थी की स्थिति गर्भवती महिलाएं -6999 धात्री महिलाएं – 5904 बच्चे 6 माह से 3 वर्ष -42721 बच्चे 3 साल से 6 वर्ष-47923
टोटल लाभार्थी – 103537
इतना दिया जा रहा पोषाहार-
आंनगबाडी केन्द्रों में ये योजना राशन प्राप्त करने वाली धात्रियों,गर्भवतियों व 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों के लिए लागू की गई है। इसमें गर्भवती व धात्री महिलाओं को 1400 ग्राम फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया व फोर्टिफाइड मूंग, दाल, चावल, खिचड़ी तथा 700 ग्राम फोर्टिफाइड सादा गेहूं व दलिया का पैकेट दिया जाता है। गर्भवती महिला को प्रति माह 9 माह तक व धात्रियों को 6 माह तक पैकेट का वितरण किया जाता है।इसी तरह 6 माह से 3 वर्ष के सामान्य बच्चों को 480 ग्राम फोर्टिफाइड न्यूट्री मीठा दलिया व मूंग दाल चावल खिचड़ी,540 ग्राम सादा गेंहू, दलिया व 1375 ग्राम बाला हार प्रीमिक्स, 6 माह से 3 वर्ष के अति कुपोषित बच्चों को 500 ग्राम मीठा, दलिया व मूंग दाल,चावल, खिचड़ी व 1500 ग्राम सादा गेंहूए दलिया व 1125 ग्राम के दो पाउच बाला हार प्रीमिक्स और 3 से 6 साल के अति कुपोषित बच्चों को 1550 ग्राम बाला हार प्रीमिक्स दिया जाता है।
योजना से क्या मिलेगा लाभ
-पोषाहार वितरण में पारदर्शिता आएगी। -केवल पात्र लोगों को ही पोषाहार मिलेगा। -आंगनबाड़ी केंद्रों पर होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। -गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषाहार के योजनाओं का लाभ मिलेगा। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती, धात्रियों व बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार में पारदर्शिता लाने के लिए चेहरे की पहचान प्रणाली (फेस रिकग्निजेशन सिस्टम) तथा ओटीपी सिस्टम शुरू किया जा रहा है।
दिलीपसिंह गुप्ता, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग, झालावाड़