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नई दिल्ली

Delhi Election 2025: बीजेपी, कांग्रेस और ‘आप’ मिलकर भी नहीं कर पाई 25 पार, महिलाओं को टिकट देने में सबसे पीछे कौन?

Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव 2025 में राजनीतिक दलों के कई चुनावी वादों के मूल में महिलाएं हैं। इसके बावजूद टिकट बंटवारे में महिलाओं की हिस्सेदारी बेहद कम है। महिलाओं को टिकट देने में कांग्रेस सबसे पीछे दिखाई दे रही है।

नई दिल्लीJan 21, 2025 / 01:48 pm

Vishnu Bajpai

Delhi Election 2025: बीजेपी, कांग्रेस और ‘आप’ मिलकर भी नहीं कर पाई 25 पार, महिलाओं को टिकट देने में सबसे पीछे कौन?
Delhi Election 2025: चुनाव चाहे जो भी हों। राजनीतिक दलों का फोकस देश की आधी आबादी का समर्थन जुटाने पर रहता ही है। इसके लिए महिलाओं से तमाम लोक लुभावने वादे भी किए जाते हैं, लेकिन जब बात सत्ता में उनकी भागीदारी की आती है तो उन्हें पूरा हक नहीं दिया जाता। यह बात दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में साफ नजर आती है। दिल्ली में साल 1993 से लेकर साल 2020 तक सात बार विधानसभा चुनाव हुए। इस दौरान दिल्ली विधानसभा में कुल 70 विधायकों में से महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा नौ ही रही है। बात अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की करें तो इस बार भी 70 सीटों में सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवारों की संख्या नौ ही है।

संसद में पास हो चुका है 33 प्रतिशत आरक्षण

साल 2023 में संसद में महिला आरक्षण विधेयक पास किया गया। इसमें संसद से लेकर विधानसभा तक महिलाओं के प्रतिनिधित्व को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई। साथ ही सभी राजनीतिक दल महिलाओं को आगे लाने की बातें भी करते हैं, लेकिन बात जब इसपर अमल करने की आती है तो राजनीतिक दलों का भरोसा महिलाओं को लेकर डगमगाने लगता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 71,73,952 महिला मतदाता सभी राजनीतिक दलों के वादों के केंद्र में तो हैं, लेकिन टिकट बंटवारे में प्रमुख दलों के 210 उम्मीदवारों में सें महिलाओं की संख्या सिर्फ 25 है। यानी तीनों प्रमुख दलों को मिलाकर सत्ता की भागीदारी में आधी आबादी की हिस्सेदारी न के बराबर है।

भाजपा, आप और कांग्रेस के चुनावी अभियान का केंद्र हैं महिलाएं

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के घोषणापत्र पर गौर करें तो दिल्ली की लड़ाई में शामिल तीनों प्रमुख दलों महिलाओं को केंद्र में रखा है। यहां आम आदमी पार्टी ने महिला सम्मान राशि योजना, कांग्रेस ने प्यारी दीदी योजना और भाजपा ने महिला समृद्धि योजना की घोषणा की है। इसके तहत सरकार बनने के बाद महिलाओं को सम्मान राशि दी जाएगी। हालांकि इनमें से किसी भी पार्टी ने महिला उम्मीदवारों के चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके चलते 70 विधानसभा सीटों पर उतारे गए 210 उम्मीदवारों में से केवल 25 महिलाओं को ही टिकट दिया गया।
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भाजपा और आम आदमी पार्टी ने नौ-नौ महिलाओं को दिया टिकट

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की लड़ाई है। तीनों पार्टियों के 210 उम्मीदवारों में से सिर्फ 25 महिलाएं चुनावी मैदान में हैं। इसमें भाजपा और आम आदमी पार्टी ने नौ-नौ महिलाओं को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने सिर्फ सात महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। इसमें भी कई उम्मीदवार या तो राजनीतिक पृष्ठभूमि से हैं या फिर राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक रखती हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी ने ऐनवक्त पर हरिनगर विधानसभा सीट से महिला उम्मीदवार राजकुमारी ढिल्लो का टिकट काट दिया। वरना महिलाओं की सत्ता में भागीदारी के लिए चुनावी मैदान में उतारने के लिए आम आदमी पार्टी एक नंबर पर आ जाती।

आम आदमी पार्टी ने इन महिलाओं पर जताया भरोसा

आम आदमी पार्टी ने साल 2020 में चुनाव जीतने वाली सात महिला उम्मीदवारों पर फिर से भरोसा जताया है। इसमें कालकाजी विधानसभा सीट से दिल्ली की सीएम आतिशी, मादीपुर से राखी बिडलान, आरके पुरम से प्रमिला टोकस, शालीमार बाग से बंदना कुमार, राजौरी गार्डन से धनवती चंदेला, रोहतास नगर से सरिता सिंह और त्रिनगर से प्रीती तोमर हैं। इसके अलावा पूजा बालियान उत्तम नगर के विधायक नरेश बालियान की पत्नी हैं। नरेश फिलहाल जेल में बंद हैं। जबकि आम आदमी पार्टी की त्रिलोकपुरी से प्रत्याशी अंजना पारचा नया चेहरा हैं। आम आदमी पार्टी ने नामांकन से पहले हरिनगर से राजकुमारी ढिल्लो का टिकट काटकर एमसीडी पार्षद सुरिंदर सेठिया को टिकट दे दिया।

भाजपा ने इन महिलाओं पर जताया भरोसा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बात अगर भाजपा की करें तो बीजेपी ने शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, वजीरपुर से पूनम शर्मा, मटिया महल से दीप्ति इंदौरा, मादीपुर से उर्मिला कैलाश गंगवाल, तिलक नगर से श्वेता सैनी, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय, कोंडली से प्रियंका गौतम और सीलमपुर से कुमारी रिंकू को टिकट दिया है। रेखा गुप्ता तीन बार पार्षद रह चुकी हैं। पूनम शर्मा भी भाजपा की कद्दावर नेता मानी जाती हैं। दीप्ति इंदौरा भी पार्षद का चुनाव लड़ चुकी हैं। उर्मिला कैलाश गंगवाल वार्ड 94 रघुवीर नगर से निगम से पार्षद हैं। नीलम पहलवान वार्ड 128 से पार्षद हैं और भाजपा नेता किशन पहलवान की पत्नी हैं। प्रियंका गौतम पार्षद हैं। यानी भाजपा ने इस बार किसी नए चेहरे पर भरोसा नहीं जताया है।
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कांग्रेस ने दिल्ली में सात महिलाओं को दिया टिकट

अब अगर कांग्रेस के टिकट बंटवारे पर नजर डालें तो वजीरपुर से रागिनी नायक, नरेला से अरुणा कुमारी, कालकाजी से अलका लांबा, ओखला से अरीबा खान, नजफगढ़ से सुषमा यादव, जनकपुरी से हरबनी कौर और मेहरौली से पुष्पा सिंह को टिकट दिया है। कांग्रेस की ओखला उम्मीदवार अरीबा खान के पिता पूर्व विधायक असील मोहम्मद खान हैं। इसके अलावा अलका लांबा लोकप्रिय चेहरा होने के साथ तेज तर्रार महिला नेता हैं। जबकि पूर्व विधायक रागिनी नायक पहले एआईसीसी की प्रवक्ता थीं।

साल 2020 में 24 महिला प्रत्याशियों में टॉप पर थी कांग्रेस

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने कुल 24 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा था। इसमें 10 महिलाओं पर भरोसा जताकर कांग्रेस सबसे टॉप पर थी। इसके अलावा साल 2015 में तीनों प्रमुख पार्टियों ने 19 महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था। इसमें सबसे ज्यादा 8 महिला प्रत्याशियों को बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा था। केंद्रीय निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में महिला मतदाताओं की संख्या 71,73,952 है। जो कुल मतदाताओं का 43% है।

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