इन दिनों बाजारों में भारी वाहनों का प्रवेश होने के साथ ही दुकानों में आने वाले साजो-सामान को खाली करने व भरने के दौरान बार बार जाम के हालात बन रहे है। वहीं हर ओर अतिक्रमण होने से बाजार संकरे होने के साथ आधे सड़क तक दुकानदार सामानों को जमा रहे है। मिस्त्री व दुकानदार आधे सड़क तक वाहनों को खड़ा कर मरम्मत का कार्य करते हैं। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी बाजारों में लगे जाम को देखकर नजरअंदाज कर चले जाते हैं। इन दिनों पूरे बाजारों में बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े हुए है।
एंबुलेंस भी फंस गई
- मंगलवार को अस्पताल से रोगी को रेफर करने के दौरान एम्बुलेंस को बाजार से निकलकर हाइवे तक जाने में ही आधे घण्टे का समय लग गया। जबकि इतने समय में एम्बुलेंस झालावाड़ पहुंच जाती है। गुरूवार को साप्ताहिक हाट के दौरान समस्या और गंभीर हो जाती है जब अस्पताल के पीछे के गेट के सामने साप्ताहिक हाट लग जाने से वैकल्पिक मार्ग भी बंद हो जाता है। और मुख्य द्वार के सामने सैकड़ोंवाहनो की पार्किंग व वाहन खड़े होने से एम्बुलेंस को अस्पताल में पहुंचने के लिए कई बार वाहन चालकों से झगड़ा हो जाता है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से कस्बे की यातायात व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है।