प्लीज कलक्टर अंकल, हमारी भी छुट्टी करवा दो। मासूमों के सवाल में छिपी इस पीड़ा शासन-प्रशासन नहीं समझ पा रहा है। सरकारी व निजी स्कूलों में इन दिनों शीतकालीन अवकाश चल रहे हैं लेकिन आंगनबाड़ी में बच्चे ठिठुरते हुए पहुंच रहे हैं। इन बच्चों की उम्र तीन से छह वर्ष तक है।
शीतकालीन अवकाश में स्कूल छह जनवरी तक बंद है, लेकिन इसके विपरीत जिले के 1533 आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह आदेश लागू नहीं है। इसके चलते सर्दी में छोटे-छोटे बच्चों को आंगनबाड़ीकेन्द्र पर सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक जाना पड़ रहा है। मावठ के बाद से जिले में कड़ाके की सर्दी व शीतलहर चल रही है। तापमान भी 5 से 6 डिग्री पर है। सर्दी इस कदर है कि दिन में भी लोग अलाव जलाकर राहत पा रहे हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी में अवकाश नहीं होने बच्चे भी सर्दी की चपेट में आ सकते हैं। बुधवार को मेघवाल बस्ती में स्थित आंगनबाड़ीकेन्द्र नंबर 10 में कार्यकर्ता निशात बी ने बताया कि बच्चे नियमित आंगनबाड़ीकेन्द्र आ रहे हैं। यहां नर्सरी की तर्ज पर विभिन्न गतिविधियां सिखाई जा रही है।
सर्दी की चपेट में आ सकते हैं मासूम
इन दिनों जिले में हाड़कंपा देने वाली सर्दी अपना प्रकोप दिखा रही है। ऐसी सर्दी में बच्चे तो दूर अधिकारी-कर्मचारी भी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसी सर्दी में बच्चों को शीतकालीन अवकाश नहीं देने से बच्चों को कड़ाके की ठंड में परेशानी उठानी पड़ रही है। आंगनबाड़ीकेन्द्रों में अवकाश नहीं होने व सर्दी में जाने से कई बच्चों को मौसमी बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। आंगनबाड़ीकेन्द्रों में आ रहे बच्चों के शीतकालीन अवकाश के लिए आगे से ही कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। ऐसे में जिले के सभी केंन्द्रों पर बच्चे नियमित आ रहे हैं। दिलीप गुप्ता, सीडीपीओ झालावाड़