झालावाड़. जिले सहित प्रदेश भर में जल जीवन मिशन को लेकर घर-घर पानी पहुंचाने के काम की कछुआ चाल से योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है। प्रदेशभर के करीब 48 लाख से ज्यादा घरों में अब भी कनेक्शन देना बाकी है। वहीं झालावाड़ जिले की बात करें तो जिले में 35-40 फीसदी काम बाकी है।
जिले में करीब 35 हजार कनेक्शन परवन बांध से होने है, ऐसे में अभी इनके चालू होने में काफी समय लगेगा। पूरे राजस्थान में योजना के तहत 1,07,31,065 घरों में जल कनेक्शन दिए जाने हैं पर अब तक 58,95,605 घरों में ही दिए गए हैं।
ऐसे में पेयजल संकट के चलते लोगों को महंगे दाम में पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है। झालावाड़ जिले में अभी तक 60 हजार घरों में नल कनेक्शन किए जाने है। ऐसे में सरकार के 2025 के लक्ष्य के अनुसार हर घर को नल पहुंचाने का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
फैक्ट फाइल
जिले में कनेक्शन होने है- 1 लाख 80 हजार जिले में 60 हजार कनेक्शन ओर होने है जिले में करीब 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है जिले में परियोजना की कुल लागत 650 करोड़ जिले में अभी तक बजट खर्च हो चुका है- 350करोड़ जिले में कुल प्रोजेक्ट 13 है, जिसमें 7 का काम पूर्ण हो चुका है, 6 का चल रहा है। जिले में प्रोजेक्ट पूर्ण होना था मार्च 2024 में अब पूर्ण होगा 2025 के अंत तक।
छह साल से चल रही योजना-
देश के साथ प्रदेश में छह साल पहले जल जीवन मिशन शुरू किया गया था। घर-घर पानी पहुंचाने के लिए शुरू इस मिशन के शुरू होने के बाद से अब तक आधे से भी कम काम हुआ है। जबकि मिशन शुरू होने पर इसे वर्ष 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश में मिशन शुरू होने पर 15 अगस्त 2019 को 11, 68,553 जल कनेक्शन थे। जबकि प्रदेश में घरों की संख्या 1,07,54, 703 थी। मिशन शुरू होने के बाद 15 अगस्त तक 47,27,052 घरों में जल कनेक्शन दिए गए है। इस तरह अब 58,95,605 घरों में जल कनेक्शन हो चुके है।
70 फीसदी काम
प्रदेश में 6,183 गांव ऐसे भी हैं, जहां अब तक कार्य ही शुरू ही नहीं हुआ है। हालांकि झालावाड़ जिले में अब तक 70 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। विशेषज्ञों की मानें तो मिशन के पूरा होने में देरी का प्रमुख कारण कार्मिकों की कमी और बजट का अभाव रहा है। इसके साथ ही डीआई पाइप आदि की आपूर्ति भी बाधा बनी। झालावाड़ जिले में 1 लाख 80 हजार कनेक्शन होने है, जिसमें से अभी 1 लाख 20 हजार ही हो पाए है। करीब 60 हजार कनेक्शन ओर होने है।
परवन बांध कराएगा लंबा इंतजार
जिले में अभी परवन बांध का काम चल रहा है। ऐसे में अभी परवन परियोजना के टेंडर आदि में लंबा समय लगेगा। परवन परियोजना में 29 हजार नल कनेक्शन होने है। लेकिन अभी बांध का काम धीमी गति से चल रहा है। जल जीवन मिशन में प्रदेशभर में कई बड़े प्रोजेक्ट के टैंडर अब हुए हैं। ऐसे में उन प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब दो साल लगेंगे। गति कम होने का बड़ा कारण पद रिक्त होना है। इंजीनियर भी कम है। इससे जेजेएम का पूरा निरीक्षण समय पर नहीं हो रहा है। इस प्रोजेक्ट में करीब डेढ़ साल से बजट का भी अभाव चल रहा है। जिले में कई जगह नल लगाने के लिए गांवों में लाइन डाल दी गई है, लेकिन नल नहीं लगे हैं, वहीं कई जगह नल लगा दिए है, लेकिन उनमें अभी तक पानी नहीं आ रहा है। जिले के पगारियां गांव में कई दिनों से लाइन खोद कर वैसे ही छोड़ दी है,अभी तक कनेक्शन नहीं किए गए है।जिले में ऐसे कई गांव है जहां, अभी भी जल जीवन मिशन में कनेक्शन का इंतजार बना हुआ है।
कड़ोदिया के श्रीराम मंदिर मोहल्ले में लगभग तीन साल पहले जल जीवन मिशन के तहत पेयजल लाइन डाली गई थी, उम्मीद थी कि सभी घरों में पेयजल उपलब्ध हो सकेगा लेकिन अभी तक एक बूंद पानी नहीं मिला है। हमें इधर-उधर से पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है।
मांगीलाल शर्मा, ग्रामीण कड़ोदिया ग्राम पंचायत कड़ोदिया के गांवों में ठेकेदार द्वारा पेयजल उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। इस बारे में कई बार संबंधित विभागों के अधिकारियों को अवगत करने के बाद भी अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है। कई बार सांसद की जनसुनवाई में भी ग्रामीणों द्वारा मुद्दा उठाया गया है।
आशा कुमारी पाटीदार, सरपंच, कड़ोदिया जिले में जल जीवन मिशन में अभी तक 70 फीसदी काम पूर्ण हो चुके हैं। जिले में 6 परियोजनाओं का काम चल रहा है। परवन परियोजना में अभी समय लगेगा। वहीं छापी एक्सटेंशन व राजगढ़ झालरापाटन व धुलडी परियोजना में करीब 35 हजार कनेक्शन होने है। जिले के सभी कनेक्शन 2025 में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
दीपक कुमार झा, पीडी, जल जीवन मिशन