आज शाम घटेगी दुर्लभ खगोलीय घटना, आसमान में शुक्र के साथ दिखेगी क्रिसेंट मून की जोड़ी
Crescent Moon Venus In sky: आसमान में ग्रह और तारे आपको लुभाते हैं तो ये खबर आपके लिए है। 3 जनवरी की शाम को ऐसी दुर्लभ घटना घटने वाली है, खगोल प्रेमी जिसका अरसे से इंतजार करते रहते हैं। आज शाम शुक्र और चंद्रमा की जोड़ी को आप देखकर निहाल हो सकते हैं। आइये जानते हैं कब देख सकते हैं दुर्लभ घटना ..
Crescent moon Venus in sky : शुक्र और चंद्रमा की आकाश में जोड़ी
Crescent Moon Venus In sky: खगोल प्रेमियों के लिए शुक्रवार 3 जनवरी 2025 बेहद खास दिन है। इस दिन दुर्लभ खगोलीय घटना होने वाली है। शुक्रवार की शाम पश्चिमी आकाश में सूर्य के अस्त होने के तुरंत बाद हंसियाकार चंद्रमा (क्रिसेंट मून) के बीच शुक्र चमकती बिंदी के रूप में जोड़ी बनाता दिखेगा।
भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार इस दुर्लभ घटना को बिना किसी टेलीस्कोप यानी नंगी आंखों से ही देखा जा सकता है। घारू के अनुसार इस समय वीनस और मून आपस में सिमटे से 2 डिग्री से कम के अंतर पर होंगे । शुक्र और मून की यह नजदीकी खगोल विज्ञान में एपल्स कही जाती है ।
सूर्यास्त के बाद 3 घंटे तक देख सकेंगे
सारिका ने बताया कि ये खगोलीय जोड़ी क्षितिज से कुछ उंचाई पर दिखने के बाद धीरे-धीरे नीचे आते जाएगी । इस जोड़ी को सूर्यास्त के बाद 3 घंटे से कुछ अधिक समय तक देखा जा सकेगा । इस समय चतुर्थी का हंसियाकार चंद्रमा माइनस 10.7 के मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा तो वीनस माइनस 4.4 के मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा ।
करीब 9 बजे तक देख सकेंगे यह घटना
घारू के अनुसार किसी खुले स्थान से इस मनोहर आकाशीय जोड़ी को देखा जा सकता है। नववर्ष वाले सप्ताह में खगोलप्रेमियों के लिए ऐसी घटना किसी गिफ्ट से कम नहीं है। बहरहाल, 3 जनवरी की शाम को करीब 6 बजे से रात लगभग 9 बजे तक केवल सीमित समय के लिए यह खगोलीय घटना देखी जा सकेगी।
पंचांग के अनुसार 3 जनवरी शुक्रवार को नई दिल्ली में सूर्यास्त करीब शाम 5.37 बजे होगा, जबकि चंद्रोदय सुबह 9.54 बजे और चंद्रास्त रात 9.09 बजे होगा। वहीं जयपुर में सूर्यास्त शाम 5.46 बजे और चंद्रोदय सुबह 9.58 बजे, चंद्रास्त रात 9.17 बजे होगा। अन्य शहरों में भी सूर्यास्त के समय में थोड़ा बहुत अंतर रहेगा। इस बीच सूर्यास्त के बाद हंसियाकार चंद्रमा के बीच चमकती बिंदी जैसा शुक्र का अद्भुत नजारा देखने का मौका मिलेगा।
क्या है क्रिसेंट मून और एपल्स
घारू के अनुसार क्रिसेंट मून से तात्पर्य है अर्ध चंद्रमा और खगोलीय पिंडों तारों की करीबी की घटना एपल्स कही जाती है।