वहीं अन्य परीक्षार्थियों को भी सामूहिक नकल के आरोप लगे हैं। ऐसे में कई छात्रों के साथ आए परिजनों की ओर विरोध करने के बाद में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। लोगों ने आरोप लगाया कि ओपन परीक्षा केन्द्र में परीक्षार्थियों के साथ आए परिजन भी परीक्षा केन्द्र में ही परीक्षार्थियों के सवालों का जवाब देते रहे। अन्य परिजनों का आरोप है कि वीक्षक और केन्द्राधीक्षक की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। न ही परिजनों को बाहर जाने का कहा गया।
सांचौर पहले से ही बदनाम
परीक्षा में डमी छात्र और पेपर लीक के मामले में राजस्थान में पहले से ही सांचौर बदनाम हो चुका हैं। ऐसे में छोटी-छोटी परीक्षा में डमी बैठकर परीक्षा देने की शुरुआत हो जाती है, जो बड़ी परीक्षा तक पहुंच जाती है। गांवों में स्टेट ओपन के साथ अन्य दसवीं व बाहरवीं की परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा देकर ही सीखते हैं। जो बाद में हौसला बढ़ने पर प्रतियोगी परीक्षा में डमी परीक्षार्थी बनने से भी नहीं कतराते हैं। इनका कहना है
इसकी शिकायत पहले से आई हुई है। मैं बाहर होने से नहीं जा पाया। अगर ऐसा है तो जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
- मंगलाराम खोखर, सीबीईओ चितलवाना
डमी परीक्षार्थी वाली कोई बात नहीं हैं। परिजन तो परीक्षा केन्द्र के अंदर तक नहीं आते हैं।
- ओमप्रकाश, प्रधानाचार्य, राउमावि सुथड़ी