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संस्कृत के द्वेदप्यमान कवि है माघ

भीनमाल की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों से देश-दुनिया होगी अवगत

जालोरJan 31, 2018 / 10:36 am

Khushal Singh Bati

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भीनमाल की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों से देश-दुनिया होगी अवगत



भीनमाल. शहर का ऐतिहासिक गौरव महाकवि माघ संस्कृत के द्वेदप्यमान कवि है। सातवीं-आठवीं शताब्दी में महाकवि माघ ने अपनी एकमात्र कृति शिशुपाल वध की रचना कर संस्कृत के शीर्षस्थ कवियों में अपना नाम स्थापित किया। महर्षि वाल्मीकि, वेद व्यास, कालिदास एवं भारवी की परंपरा में महाकवि माघ ने अपनी प्रतिभा को साबित किया। माघ से पूर्ववर्ती कवि भारवि ने 18 सर्गों में किरातार्जुनीयम् महाकाव्य की रचना कर अपूर्व ख्याती बटोरी, उन्होंने कला पक्ष का उत्कर्ष अपने काव्य में दिखाया। भारवि से प्रेरणा लेकर महाकवि माघ ने 20 सर्गों में शिशुपालवधम् की रचना की। इस कृति का अवलोकन कर संस्कृत जगत् हतप्रभ रह गया। विद्वानों का कहना है कि कालिदास, भारवी, दण्डी व अश्वघोष की तरह उनका कवित्य लाजवाब है। विद्वानों ने एक स्वर में माघ को भारवि से उत्कृष्ट सिद्ध किया। तब से यह युक्ति चल पड़ी कि
‘तावद् या भारवेमार्ति यावन्माघस्य नोदय’:।
अर्थात् भारवी (सूर्य) का तेज तब तक ही था, जब तक कि माघ का उदय न हो हुआ।
दानवीर कवि थे
कहा जाता है कि माघ जितने बड़े कवि थे उतने ही महान दानवीर भी थे। एक बार जब वे रिक्त कोष हो गए, तब अपनी पत्नी को एक श्लोक लिखकर राजा के पास भेजा। ‘कुमुदवनंपश्रि नामक’ इस श्लोक से अभिभूत होकर राजा ने पर्याप्त स्वर्णमुद्राएं कवि की पत्नी को सौंपी, मगर पति के अनुरूप स्वभाव वाली पत्नी ने राह में ही भिक्षुकों को वे मुद्राएं दान कर दी। पत्नी को रिक्त हस्ता पाकर माघ बहुत व्यथित हुए व याचकों को खाली हाथ जाते देकर अपने प्राण त्याग दिए।
पैनोरमा से भावी पीढ़ी को मिलेगी जानकारी
कविमाघ की जन्मभूमि के लिए गर्व की बात है कि राज्य सरकार द्वारा यहां एक करोड़ 79 लाख की लागत से माघ व ब्रह्मगुप्त पैनोरमा का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। पैनोरमा के निर्माण से भावी पीढ़ी को कवि माघ के बारे में जानकारी मिलेगी। पैनोरमा के पूर्ण होने पर माघ, ब्रह्मगुप्त व अन्य श्रीमाल सपूतों के बारे में विस्तृत शोध व अनुसंधान संभव हो सकेगा। भीनमाल की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों से विश्व अवगत हो पाएगा।
जयंती पर होंगे कार्यक्रम
महाकवि माघ विकास संस्थान की आर से बुधवार को महाकवि माघ की जयंति मनाई जाएंगी। जयंति को लेकर सुबह 6 .30 बजे विश्व कल्याणार्थ मेधावृद्धि यज्ञ, 9 बजे माघ का पूजन व संयुक्त प्रार्थना, 9.30 बजे माघ की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी होगी। कार्यक्रम का प्रभारी गुमान चौहान को बनाया गया। कार्यक्रम में शहरवासी मौजूद रहेंगे।
संस्कृत साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान
&महाकवि माघ संस्कृत के अद्वितीय कवि थे। उनके साहित्य में उपमा, अर्थवर और पदलालित्य तीनों ही गुण है। माघ रचित शिशुपालमवधम् ग्रंथ श्रेष्ठ संस्कृत ग्रंथों में शुमार है। संस्कृत साहित्य में माघ का महत्वपूर्ण योगदान है।
डॉ. अरूण कुमार दवे, शिक्षाविद्
दानवीर कवि थे महाकवि माघ
&महान माघ कवि के साथ बड़े दानवीर भी थे। ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि उन्होंने हमेशा भिक्षुकों को खाली हाथ नहीं लौटाया। माघ भीनमाल के गौरव है। उनकी जयंती पर बड़े आयोजन करने की आवश्यकता है।
कपूराराम दर्जी, शिक्षक
माघ से मिली पहचान
&महाकवि माघ का संस्कृत साहित्य में अद्वितीय योगदान है। महाकवि की जन्मभूमि होने से भीनमाल नगर को देश-दुनिया में पहचाना जाता है। माघ भीनमाल के गौरव है। महाकवि माघ का जन्म 6 75 ईस्वीं में बताया गया है।
डॉ. घनश्याम व्यास, सचिव, महाकवि माघ विकास संस्थान
मिलेगी जानकारी
&सरकार की ओर से शहर में 1.79 करोड़ की लागत से महाकवि माघ व गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त के पैनोरमा का निर्माण हो रहा है। भीनमाल की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों से विश्वभर में जानकारी होगी। पैनोरमा कार्य भी दो माह में पूरा होगा।
-डॉ. श्रवणकुमार मोदी, चिकित्सक

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