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जैसलमेर

बड़ी गाड़ी हो तो सोचें भी, चोरी गई मोटरसाइकिल को भी क्या ढूंढऩा!

-दुपहिया चोरी को लेकर जिम्मेदरों को अब तक नहीं परवाह-आमजन की पीड़ा: जानकारी होने पर भी नहीं उठाते जहमत

जैसलमेरAug 17, 2021 / 11:14 pm

Deepak Vyas

बड़ी गाड़ी हो तो सोचें भी, चोरी गई मोटरसाइकिल को भी क्या ढूंढऩा!

बड़ी गाड़ी हो तो सोचें भी, चोरी गई मोटरसाइकिल को भी क्या ढूंढऩा!

जैसलमेर. जिला पुलिस आए दिन चार पहिया वाहन चोरी करने वालों को ढूंढ़ कर या स्थायी वारंटियों को सीखंचों के पीछे डालने और वाहन बरामद करने की अपनी शौर्य गाथा बताने से नहीं चूकती, लेकिन जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में दुपहिया वाहनों की चोरी हो जाने पर यही पुलिस अमूमन हाथ पर हाथ धरकर ही बैठी नजर आती है। दरअसल, पुलिस अधिकारियों को आम आदमी की सवारी मोटरसाइकिल की चोरी इतनी मामूली वारदात लगती है कि वे इस पर अंकुश लगाने अथवा चोरी गई बाइक्स को बरामद करने व चोरों को पकडऩे के लिए गंभीरता से प्रयास तक नहीं करते। यही कारण है कि विगत वर्षों के दौरान एक तरफ दुपहिया चोरी की घटनाओं में इजाफा हुआ है और दूसरी ओर लोगों में यह धारणा घर कर गई है कि बाइक या स्कूटर चोरी गया तो अब गया। भले ही वे लोग थाने के चक्कर पर चक्कर काटते रहे। उस पर अगर उक्त वाहन का बीमा नहीं करवाया हो तो संबंधित व्यक्ति की पीड़ा का कोई पार ही नहीं रहता।
पहले तो रिपोर्ट में ही आनाकानी
दुपहिया वाहन चोरी होने पर अव्वल तो पुलिस थाने में रिपोर्ट ही आसानी से दर्ज नहीं की जाती। संबंधित व्यक्ति को दिलासा दिया जाता है कि कुछ दिन इंतजार कर लें। पुलिस कोशिश कर रही है। फिर रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी पुलिस अन्वेषण का ज्यादातर काम तो उसी व्यक्ति को सौंप देती है जिसका वाहन चोरी गया होता है।
फिर किसलिए लगवाए कैमरे
कुछ महीने पहले शहर कोतवाली से बमुश्किल 50-60 मीटर दूर एक सरकारी क्वार्टर और कोतवाली से एकदम सटे पूनम स्टेडियम के बाहर से लगातार दो बाइक्स चोरी गई। एक बाइक सदर बाजार से सटे माणक चैक से गायब हुई। ये सभी वारदातें दिन दहाड़े हुई। इसमें दो बाइक चोरी करने वालों के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिल गए। बताया जाता है कि पुलिस ने पता भी लगा लिया कि उक्त युवा चोर किस इलाके के रहने वाले हैं। इसके बावजूद हास्यास्पद यह है कि शहर पुलिस अब तक उन चोरों को पकड़कर नहीं ला रही है और इंतजार कर रही है कि वे चोर उसे शहर में ही कहीं दिख जाए। ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि फिर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का मतलब ही क्या?
बुलंद होते गए चोरों के हौसले
पुलिस की ओर से गंभीरता नहीं दिखाए जाने के कारण ही बाइक्स व अन्य दुपहिया वाहन चोरी करने वालों के हौसले बुलंद होते गए हैं। वे शुरुआत में रात के समय घरों के बाहर खड़े वाहनों को निशाना बनाते लेकिन अब तो दिन दहाड़े अस्पतालए बैंकए घर.प्रतिष्ठानए मैदान आदि कहीं भी खड़े वाहनों को चुराने से बाज नहीं आते।
आंकड़ों की जुबानी
जानकारी के अनुसार साल 2019 में 82, 2020 में 61 और चालू वर्ष 2021 में जुलाई माह तक 32 दुपहिया वाहनों पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया है। इनमें से इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दें तो अन्य दुपहिया वाहनों का पता नहीं चल पाया है।
पूरी कोशिश करेंगे
मेरे कार्यभार ग्रहण करने के बाद एक चार पहिया व एक दुपहिया वाहन की चोरी का खुलासा किया गया है। पुराने मामलों में तफ्तीश कर चोरों तक पहुंचने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
-प्रेमदान रतनू, शहर कोतवाल, जैसलमेर

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