— बहुमंजिला भवनों को जल कनेक्शन देने की यह नीति पूरे राजस्थान के सभी नगरीय क्षेत्रों में समान रूप से लागू होगी।
— आरडब्ल्यूए (रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन/अन्य संस्था/समिति) या विकासकर्ता की ओर से आवासीय बहुमंजिला भवन में पेयजल कनेक्शन के लिए सम्बन्धित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में आवेदन किया जाएगा।
— आवेदन के साथ बहुमंजिला भवन का सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदित मानचित्र जिसमें भवन में निर्मित समस्त ईकाईयों की श्रेणी (आवासीय/वाणिज्यक) तथा इकाईवार कारपेट एरिया दर्शित हो, प्रस्तुत किया जाएगा।
— बहुमंजिला भवन की श्रेणी में वे भवन आएंगे, जिनकी ऊँचाई भवन के कुर्सी स्तर से और भवन में भू-तल स्टिल्ट अथवा पोडियम पर होने की स्थिति में स्टिल्ट फ्लोर की छत या पोडियम स्तर से 15 मीटर से अधिक हो।
— बहुमंजिला भवनों में घरेलू पेयजल मांग की गणना 1500 वर्ग फीट कारपेट एरिया तक के फ्लैट में 5 व्यक्ति प्रति फ्लैट तथा 1500 वर्ग फीट से अधिक कारपेट एरिया के फ्लैट में 7 व्यक्ति प्रति फ्लैट के अनुसार की जाएगी।
— एकमुश्त शुल्क की गणना बहुमंजिला भवन के कुल कारपेट एरिया के आधार पर की जाएगी।
— एकमुश्त शुल्क राशि का शेष 75 प्रतिशत जल उपभोग बिल के साथ 60 समान किश्तों में 9 प्रतिशत प्रति वर्ष साधारण ब्याज के साथ देय होगा।
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी का कहना है कि प्रदेश की बहुमंजिला इमारतों के विकासकर्ताओं व रेजीडेंट वेलफेयर एसोसएशन संबंधित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में पेयजल कनेक्शन के लिए आवेदन करें, ताकि मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में रहने वालों को पेयजल उपलब्ध हो सके।