अवॉर्ड की, डाली नहीं जोधपुर का जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय राज्य में दूसरा बड़ा विवि है लेकिन आज तक केवल 4 पीएचडी ‘शोधगंगाÓ पर अपलोड की हैं। अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विवि ने 21, बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विवि ने 57 पीएचडी ही शोधगंगा पर डाल रखी हैं। प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विवि ने मई 2017 में आखिरी बार पोर्टल पर पीएचडी अपलोड की थी। उसके बाद 2 साल से ने कोई पीएचडी नहीं डाली। जबकि इस दौरान अनुमानित 50 से अधिक पीएचडी अवॉर्ड हो गई हैं।
क्या है शोधगंगा यूजीसी ने देशभर में किए जा रहे शोधकार्यों को एक मंच पर लाने व आमजन तक पहुंचाने के लिए वेबपोर्टल ‘शोधगंगाÓ तैयार किया था। इस पर देशभर के विश्वविद्यालयों को अपने यहां के शोध प्रबन्धों को अपलोड करना जरूरी है। इसका मकसद शोध की गुणवत्ता में सुधारना, साहित्यिक चोरी या नकल रोककर मूल कार्यों को बढ़ाना है। दरअसल, शोध के नाम पर देशभर में संसाधनों का अपव्यय हो रहा था। साहित्यिक चोरी भी बढ़ रही थी। इसलिए यह व्यवस्था की गई लेकिन राज्य के विश्वविद्यालय इसकी अवहेलना कर रहे हैं।
आरयू के पास प्लेजरिजम सॉफ्टवेयर भी नहीं शोध की नकल व चोरी रोकने के लिए यूजीसी ने प्लेजरिजम सॉफ्टवेयर विकसित कर रखा है। कोई भी पीएचडी सबमिट करने से पहले इस सॉफ्टवेयर में रन कर देखना आवश्यक है ताकि नकल आदि की आशंका न रहे। लेकिन आरयू के पास यह सॉफ्टवेयर भी नहीं है।
हालांकि विश्वविद्यालय के पास लाइब्रेरी में कम्प्यूटर-इंटरनेट तो है मगर सॉफ्टवेयर नहीं हैं। ऐसे में कुछ शोधार्र्थी अतिरिक्त खर्च वहन कर अपने स्तर पर बाहर से प्लेजरिजम मेें शोध चैक करा रहे हैं। वे आज भी ‘शोधार्र्थी’, जिन्हें एक साल पहले अवॉर्ड कर दी गई थी पीएचडी शोध कार्यों को लेकर आरयू प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। तभी तो तीन साल पहले शोधार्थियों की लिस्ट वेबसाइट पर डालकर विश्वविद्यालय ने इतिश्री कर ली। तीन साल पहले जो शोधार्र्थी थे, आज भी उतने ही हैं। जबकि हकीकत में उनमें से कई लोगों को पीएचडी अवॉर्ड हो चुकी है और नए बैच के शोधार्र्थी जुड़ चुके हैं। उनका डेटा ऑनलाइन ही नहीं है।
राज्य के मुख्य विश्वविद्यालयों का हाल
विश्वविद्यालय ————- ————- पीएचडी————- आखिरी बार रिसर्च अपलोड
जयनारायण व्यास विवि जोधपुर ————- 4 ————— फरवरी 2016
राजस्थान विवि जयपुर ———————–341————- मई 2017
मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि उदयपुर ———–180————–मई 2019
महर्षि दयानंद सरस्वती विवि अजमेर ———21————— अगस्त 2018
कोटा विवि —————————— —-96————— जुलाई 2018
महाराजा गंगासिंह विवि बीकानेर ————-57 ————— मई 2019