हरियाणा पुलिस ने अंगों की खरीद फरोख्त मामले को उजागर कर देशभर में वाहवाही लूटी और कार्रवाई के नाम पर बांग्लादेश में मौत से जिंदगी जूझते हुए गिरोह के चंगुल में फंसकर किडनी लगवाने भारत आए मरीज और गरीबी के चलते किडनी बेचने को मजबूर डोनर को गिरफ्तार कर इतिश्री कर ली। जयपुर पुलिस ने भी स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट के बाद जवाहर सर्कल थाने में मामला दर्ज किया और फिर गुरुग्राम पुलिस ने जिन मरीज व डोनर को गिरफ्तार किया उन्हीं मरीज व डोनर को जेल से प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर इतिश्री कर ली। जबकि इन मरीज और डोनर को चंगुल में फंसाने वाले एक भी दलाल और रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
एसीबी भी जांच के नाम पर चुप
एसीबी ने अंग प्रत्यारोपण मामले में एसएमएस हॉस्पिटल और फोर्टिस और ईएचसीसी हॉस्पिटल में रैकेट के लिए काम करने वाले सबसे छोटे पायदान वाले कार्मिकों को गिरफ्तार कर इतिश्री कर ली। एसीबी एसएमएस अस्पताल में सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह के आका तक नहीं पहुंची और गौरव सिंह को गिरफ्तार कर मामले में खानापूर्ति कर ली। इसके अलावा निजी हॉस्पिटल के चिकित्सकों को पूछताछ के लिए बुलाकर कई घंटे पूछताछ करने के नाम पर बैठाकर छोड़ दिया। एसीबी भी रैकेट में असली दोषियों तक नहीं पहुंच सकी या फिर रसूख के कारण जानबूझकर पहुंच नहीं पाई और जांच के नाम पर चुप बैठ गई। फर्जी एनओसी जारी करवाने के पीछे रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसका खुलासा नहीं कर सकी।
रिकॉर्ड जब्त करने तक सीमित
राजस्थान पुलिस के साथ एसीबी भी रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के नाम पर एसएमएस अस्पताल, फोर्टिस हॉस्पिटल, ईएचसीसी हॉस्पिटल व मणिपाल हॉस्पिटल से रिकॉर्ड जब्त करने तक सीमित रही है। हरियाणा पुलिस भी जयपुर तक पहुंची, लेकिन बिना किसी की गिरफ्तारी के बैरंग लौट गई।
ये दलाल भी नहीं पकड़े जा सके
- झारखंड निवासी मोहम्मद मुर्तजा अंसारी
- कंबोडिया निवासी संची
- बांग्लादेश निवासी सुलेमान व राजवी
- नेपाल निवासी मोहन
- जयपुर और भारत के अन्य राज्यों के दलाल
इनको हरियाणा व राजस्थान पुलिस ने किया गिरफ्तार
- किडनी लगवाने वाला मरीज मोहम्मद अहसानुल (31)
- किडनी लगवाने वाला मरीज नुरुल इस्लाम (56)
- किडनी डोनर मेहंदी हसन शमीम (24)
- किडनी डोनर आजाद हुसैन (30)
हरियाणा पुलिस ने इसको भी गिरफ्तार किया
- मरीज सैयद अकिब महमूद (दोनों किडनी खराब होने पर अस्पताल में भर्ती)