विशेषज्ञों के मुताबिक कोई किसान अगर केले की खेती करना चाहे तो एक एकड़ एरिया में 1200 के आसपास पौधे लगा सकता है। इन पौधों के लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इनके बीच की दूरी कम से कम 6 फीट तक हो। केले की फसल 13-14 महीने में तैयार हो जाती है। केले की फसल की रोपाई का सबसे अच्छा समय जून-जुलाई का होता है। हालांकि केले की खेती उन इलाकों में अच्छे पैमाने पर की जाती है जहां पानी बहुतायत में उपलब्ध हो। क्योंकि केले की खेती में पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है। मिट्टी की क्षमता और उसके प्रकार के हिसाब से सामान्यतया दो सप्ताह के अंतराल से सिंचाई की जरूरत पड़ती है। हालांकि केले की सिंचाई में किसानों को इस बात का खयाल रखना चाहिए कि खेत में जलभराव नहीं होना चाहिए।
केले की खेती के समय किसानों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि जिस जगह पर केले की खेती की जानी है वो जगह पूरी तरह से समतल होनी चाहिए। सिंचाई के समय खेत में जलभराव नहीं होना चाहिए। किसान हरी खाद और गोबर इत्यादि का प्रयोग कर सकते हैं। सर्दियों में केले की फसल को पाले से बचाने के उपाय करने चाहिए। केले की कई किस्म हैं। किसान अपने क्षेत्र की स्थितियों के हिसाब से कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर खेती कर सकते हैं। किसानों को केले में फूल आने के स्टेज में विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इसी समय केले में रोग लगने की आशंका बनी रहती है।