शान ओ शौकत से रहने वाले अधिकतर अपराधी कागजों में गरीब है। हिस्ट्रीशीटर व गैंगवार से जुड़े अपराधियों की संपत्ति खंगालने पुलिस निकली तो प्रारंभिक तौर पर ऐसी ही हकीकत सामने आ रही है। जयपुर शहर साहित प्रदेश में सक्रिय अपराधियों के नाम वंशानुगत जमीन के अलावा छोटी-मोटी संपत्ति ही है।
जयपुर•Jun 11, 2023 / 12:15 pm•
Devendra
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देवेन्द्र शर्मा शास्त्री
जयपुर। शान ओ शौकत से रहने वाले अधिकतर अपराधी कागजों में गरीब है। हिस्ट्रीशीटर व गैंगवार से जुड़े अपराधियों की संपत्ति खंगालने पुलिस निकली तो प्रारंभिक तौर पर ऐसी ही हकीकत सामने आ रही है। जयपुर शहर साहित प्रदेश में सक्रिय अपराधियों के नाम वंशानुगत जमीन के अलावा छोटी-मोटी संपत्ति ही है। अधिकतर अपराधियों के पास ना मकान है और ना ही वाहन। ऐसे में पुलिस अब उनके परिवार और नजदीकी लोगों की संपत्ति का ब्यौरा तैयार कर रही है।
बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने का प्रयास
बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की ओर से यह प्रयोग शुरू किया गया है। बीट अधिकारी अपने क्षेत्र के सक्रिय हिस्ट्रीशीटर व गैंगवार से जुड़े अपराधियों की संपत्ति की जानकारी एकत्र कर रहे हैं। इसमें कब्जाई जमीन व गलत तरीके से तैयार इमारत की भी जानकारी एकत्र की जा रही है।
आवश्कता पडऩे पर की जा सके कुर्की
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह प्रयोग रंगदारी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए शुरू किया गया है।ताकि आवश्यकता पडऩे पर अपराधी की संपत्ति को कुर्क या जब्त करने में पुलिस को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़े।
पुलिस यह भी एकत्र कर रही है ब्यौरा
हिस्ट्रीशीटरों की संपत्ति के साथ उनके गोरखधंधो, जबरन वसूली के मामलों, सरकारी जमीन पर कब्जा, भवन का अवैध निर्माण, फार्म हाउस का भी ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। यह इसलिए एकत्र किया जा रहा है कि अवैध रूप से बनी इमारत के बारे में संबंधित निकाय को सूचित कर कार्रवाई करवाने का कार्य किया जा सके।
परिवार के नाम संपत्ति पर भी नजर
हिस्ट्रीशीटर के पिता, भाई, पत्नी व पुत्र के नाम से अर्जित संपत्ति को भी संदेह के घेरे में रखा गया है। बेनामी संपत्ति में ऐसी कोई जमीन व मकान भले ही हिस्ट्रीशीटर के नाम नहीं हो। उसे भी अब हिस्ट्रीशीटर के खाते में दर्ज किया गया है।
आंकड़ों पर नजर
प्रदेश में हिस्ट्रीशीटर-11256
जयपुर शहर में हिस्ट्रीशीटर-912
ईस्ट-164
नार्थ-320
साउथ-163
वेस्ट-265
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