प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने इस बार एक चर्चित मारवाड़ी लोकोक्ति काम में लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने ट्वीट प्रतिक्रिया में लिखा, “डूंगर की बलती दिखै, पगां की बलती कोनी दिखै”। डॉ पूनिया की इस लोकोक्ति का अर्थ है, ‘पैरों के पास जलती आग नहीं दिखाई देती, दूर पहाड़ पर जलती हुई दिखाई दे जाती है।’ वहीं इस लोकोक्ति का भावार्थ है, ‘ अपने दोष नहीं देखते हैं, दूसरों के दिखाई पड़ जाते हैं।”
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इससे पहले भी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की अनदेखी को लेकर कई बार भाजपा पर निशाना साध चुके हैं। वहीं, मुख्यमंत्री के बयान पर भाजपा नेता भी हर बार पलटवार कर चुके हैं। वरिष्ठ नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच सियासी पारा गरमा जाता है।
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क्या वसुंधरा के साथ वाकई में हो रहा अन्याय?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ताज़ा बयान के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की भाजपा में अनदेखी का ‘जिन्न’ एक बार फिर से बाहर आ गया है। राजे की प्रदेश संगठन स्तर पर अनदेखी राजनीतिक गलियारों में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। हालांकि इस पर भाजपा नेताओं और राजनितिक विश्लेषकों की अपनी-अपनी राय है।
दोनों तरह के जानकारों का मानना है कि वसुंधरा राजे के लम्बे राजनीतिक तज़ुर्बे और राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर के पदों पर महत्वपूर्ण जिम्म्वेदारियों को निभाने को दरकिनार नहीं किया जा सकता। वे दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और वर्त्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।
ये ज़रूर है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सत्ता से बाहर होने के बाद कुछ वक्त के सक्रीयता कम हो गई थी, जिसके पीछे उनकी पुत्रवधु के स्वास्थ्य संबंधी कारण बताये गए थे। लेकिन अब एक बार फिर से राजे अपनी ‘देव दर्शन’ की धार्मिक यात्राओं के ज़रिए सक्रीय हो गई हैं। राजे समर्थित नेता केंद्रीय संगठन से उन्हें वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव से पहले सीएम चेहरा घोषित करने की मांग उठा रहे हैं।
ये कहा सीएम अशोक गहलोत ने
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे द्वारा बेरोज़गारों के मुद्दे पर सवाल उठाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा भाजपा ने जो राजे की स्थिति बनाई है उससे उनका फर्ज बनता है कि वो कुछ बातें ऐसी बोलें जिससे वे वापस सर्कुलेशन में आ सकें। ये स्वाभाविक भी है, मैं उनका बुरा नहीं मानता, क्योंकि जो भाजपा उनके साथ अन्याय कर रही है वो सभी के सामने है।
गहलोत ने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री के साथ में ऐसा व्यवहार भी ठीक नहीं, जिसमें आप बातचीत भी नहीं करो, अपॉइंटमेंट नहीं दो। ऐसा तो कांग्रेस पार्टी में कभी नहीं हुआ। हम भी पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं, हमें तो पूरा सम्मान मिला। हमें पूर्व मुख्यमंत्री होते हुए भी गुजरात का इंचार्ज बनाया गया, एआईसीसी का महामंत्री बनाया गया, एआईसीसी का संगठन महामंत्री बनाया गया, तो क्या पद से हटने के बाद में आप इस प्रकार से व्यवहार करोगे तो फिर वो क्या करेंगी? वो भी कुछ करेंगी।
गहलोत बयान पर राजे की ‘चुप्पी’
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उन्हें लेकर दिए एक ताज़ा वक्तव्य पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गौरतलब है कि सीएम गहलोत ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में भाजपा में वसुंधरा राजे के साथ अन्याय होने की बात कही थी।
प्रदेश के गरमाए राजनीतिक माहौल और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोपों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ‘देव दर्शन’ कार्यक्रम जारी है। इसी क्रम में आज वे राजधानी जयपुर स्थित मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंची, जहां उन्होंने पुष्य नक्षत्र के अवसर पर भगवान गणेश के विशेष अभिषेक महोत्सव में शामिल होकर दर्शन किए और विधि-विधान से पूजा की। इस दौरान राजे ने महंत कैलाश शर्मा से आशीर्वाद भी लिया।
‘आस्था के बिना कुछ नहीं होता’
मीडिया से ‘संक्षिप्त’ बातचीत के दौरान राजे ने कहा कि भगवान गणेश जी का आशीर्वाद मुझे मिला हुआ है, ये मेरा सौभाग्य है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चाहे राजनीति की बात हो या किसी अन्य प्रोफेशन की, भगवान के प्रति आस्था के बिना कुछ नहीं होता, ये सभी को मान लेना चाहिए।