जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ राजेश कुमावत ने कहा कि जिन पीजी छात्रों पर एकतरफा कार्यवाही की गई है। उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांवटिया अस्पताल में प्रसव मामले में कमेटी की ओर से एक तरफा कार्रवाई की गई है। ऐसे में अब सभी रेजिडेंट्स को लगता है कि उन्हें कभी भी किसी भी झूठे मामले में फंसाकर सस्पेंड किया जा सकता है।
जब कांवटिया अस्पताल में यह वाक्या हुआ था तब उस समय पर मौके पर प्रोफेसर गॉयनोलॉजिस्ट मौजूद नहीं था। पीजी छात्रों को जब पता चला तो उन्होंने तुरंत ट्रॉली भेजी और प्रसूता को लेबर रूम में लिया। इसके बाद प्रसूता का इलाज किया। इसके बाद जच्चा और बच्चा स्वस्थ रहे और इसके बाद दोनों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। लेकिन इस मामले में तीन रेजिडेंट्स पर एपीओ की कार्रवाई कर दी गई। आखिर रेजिडेंट्स ने क्या गलती की।
पहले भी दो रेजिडेंट्स को किया था एपीओ…
जार्ड अध्यक्ष डॉ राजेश कुमावत ने कहा कि पहले भी उनके दो साथियों को एपीओ किया गया था। जो अब तक एपीओ चल रहे है। बता दें कि सचिन शर्मा को गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में पहले दो रेजिडेंट्स को एपीओ किया गया था। कुमावत ने कहा कि अब कुल पांच रेजिडेंट्स पर एपीओ कार्रवाई हो चुकी है। ऐसे मे अब जब तक इनके एपीओ आदेश निरस्त नहीं होंगे तब तक रेजिडेंट्स की ओर से अस्पतालों में कार्य नहीं किया जाएगा। रेजिडेंट्स हड़ताल पर रहेंगे।
एसएमएस अस्पताल में बिगड़े हालात…
एसएमएस अस्पताल में आज सुबह ओपीडी में रेजिडेंट्स डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई है। सुबह आठ बजे ओपीडी शुरू होने का समय है। ऐसे में आज सोमवार होने के कारण मरीजों की भारी भीड़ अस्पतालों में है। लेकिन रेजिडेंट्स नहीं होने के कारण डॉक्टरों के चैंबर के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई है। एसएमएस अस्पताल में आज सुबह 9 बजे तक कई ऐसे चैंबर रहे। जहां सीनियर डॉक्टर भी मरीजों को देखने के लिए नहीं पहुंचे। मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा वार्डों में भी रेजिडेंट्स की स्ट्राइक का असर देखने को मिल रहा है। भर्ती मरीजों को ड्रेसिंग व अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जनाना, गणगौरी व अन्य अस्पतालों में भी खासा असर..
एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित जनाना, गणगौरी, कांवटिया, महिला चिकित्सालय सहित अन्य अस्पतालों में भी रेजिडेंट्स स्ट्राइक पर जा चुके है। जिसकी वजह से अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाए पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। जनाना, गणगौरी व महिला चिकित्सालय में प्रसुताओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेजिडेंट्स के नहीं होने के कारण महिला मरीजों को परेशानी हो रही है। सीनियर डॉक्टर्स मरीजों को नहीं संभाल पा रहे है, जिसका खासा असर देखा जा रहा है।
इनका कहना है..
रेजिडेंट्स स्ट्राइक पर चले गए है। अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसके लिए हमने सीनियर फैकल्टी को लगाया है।
डॉ अचल शर्मा
अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल, जयपुर