गोली लगने के बाद भी लड़ाई लड़ी
शहीद राजेंद्र कुमार 4 गोली लगने के बाद भी लगातार आंतकियों से लड़ते रहे। पांचवीं गोली उनके गर्दन पर लगी, जिससे इनकी जान चली गई। परिजनों का कहना है कि हमे गर्व है कि राजेंद्र देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए है।
बचपन से था तिरंगे से लगाव फिर उसी में लिपटा पार्थिव देह, 15 घुसपैठियों को उतारा था मौत के घाट
पिता ने भी दी सेना में सेवाएं
शहीद राजेंद्र कुमार के पिता भी सेना से हवलदार के पद से रिटायर हुए। पिता ने भी भारत पाक युद्ध में पाकिस्तान से लोहा लिया था। झुंझुनूं के मालीगांव में हर घर से एक सदस्य फ़ौज में है और आगे भी कई लड़के देश की सेवा करने की इच्छा रखते हैं। शहीद राजेंद्र की 2 बेटियां हैं और एक बेटा है।