दरअसल, राजस्थान में कक्षा 8वीं पास कर चुकी छात्राओं को 9वीं में प्रवेश लेने पर सरकार की ओर से नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। राजस्थान में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2009 में नि:शुल्क साइकिल योजना की शुरुआत हुई थी। वर्तमान में प्रदेश में 9वीं की छात्राओं की संख्या 7 लाख 96 हजार 788 है।
केसरिया रंग शौर्य और वीरता की पहचान- दिलवार
शिक्षा मंत्री ने कहा कि केसरिया रंग शौर्य और वीरता की पहचान है। जब हमारा देश आजाद हुआ, तब देशभक्त यही रंग पहनकर क्रांति करते थे। सूर्य भगवान पूरे विश्व को प्रकाश देते हैं। उनका उदय होता है, तब यही रंग होता है। इसी सोच के साथ हमने साइकिल के रंग केसरिया करने का फैसला किया है। इसके टेंडर जारी हो गए हैं। बता दें कि साइकिल का रंग बदलने से सरकार पर करीब 15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
2011 में हुई थी इस योजना की शुरूआत
आपको बता दें कि राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्रों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए साल 2011 में छात्राओं को निशुल्क साइकिल वितरित करने की योजना शुरू की गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ इस साइकिल का रंग भी बदलता रहा है। हालांकि, आखरी बार नवंबर 2021 में निशुल्क साइकिल वितरित की गई थी।
8 लाख छात्राओं को ये साइकिल वितरित होगी
इसलिए इस बार प्रदेश में करीब 8 लाख छात्राओं को ये साइकिल वितरित होनी है। साइकिलों का कलर बदलने की वजह से प्रति साइकिल 76 कीमत में इजाफा हुआ है, जो साइकिल पहले 3857 रुपये की खरीदी गई थी। उसके लिए अब राज्य सरकार को 3933 रुपये कीमत अदा करनी होगी।