अघरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल में फिक्स चार्ज बढ़ाने के प्रस्ताव के खिलाफ भी बोले। कोटा हॉस्टल एसोसिएशन ने तर्क दिया कि, कोविड के कारण वैसे ही अभी तक हॉस्टल संचालन ठप है। फिक्स चार्ज में राहत देने की बजाय डिस्कॉम्स इसमें बढ़ोत्तरी करने की जरूरत जता रहा है।
निजी अस्पतालों की बिजली दर कम करने के भी मांग की गई। अस्पताल संचालकों ने इसकेे पीछे इसे सेवा कार्य बताते हुए इस पर गौर करने की जरूरत जताई। अभी निजी अस्पताल का कनेक्शन अघरेलू श्रेणी में है। हालांकि, इस मांग और उनके तर्क पर आयोग व डिस्कॉम्स अफसरों ने आश्चर्य भी जताया।
-राज्य में सरप्लस रहने वाली बिजली को उद्योगों को सस्ती दर पर दे दी जाए।
-विद्युत वितरण निगमों को घाटा कम करने और दक्षता में सुधार लाने के लिए सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन हो।
-टैरिफ स्लैब, स्थाई शुल्क, कोविड़ अवधि के दौरान विद्युत बिल में राहत मिले।
टैरिफ पीटिशन में डिस्कॉम्स ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा के नाम पर फिक्स चार्ज बढ़ाना प्रस्तावित किया है। अघरेलू उपभोक्ताओं (कॉमर्शियल, संस्थानिक, औद्योगिक) पर फिक्स चार्ज को बोझ बढ़ सकता है। विद्युत दर कम करके फिक्स चार्ज बढ़ाने का फार्मूला सुझाया गया है।