शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने बताया कि प्रदेश की मण्डियां ई-प्लेटफार्म के माध्यम से डिजिटल होगी। जिससे ई-ऑक्शन के माध्यम से व्यापारियों को किसी भी स्थान पर भौतिक रूप से उपस्थित हुए बिना ही भाव लगाने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। बजट घोषणा के क्रियान्वयन के क्रम में मध्यप्रदेश में संचालित ई-मण्डी प्लेटफार्म का अध्ययन करने के लिए राजस्थान राज्य कृषि विपणन विभाग के 5 अधिकारियों का दल उज्जैन एवं देवास मण्डी के भ्रमण के लिए भेजा गया। अध्ययन दल के द्वारा भ्रमण कर प्राप्त सूचना एवं व्यवहारिक रूप से संचालित गतिविधियों को समझने एवं देखने के पश्चात् मध्यप्रदेश की मण्डियों में संचालित ई-मण्डी प्लेटफार्म ई-अनुज्ञा, ई-मण्डी, फार्मगेट को प्रदेश में लागू किए जाने के संबंध में सुझाव प्रस्तुत किया।
कृषि विपणन निदेशक राजेश चौहान ने बताया कि बजट घोषणा के क्रियान्वयन के लिए खेत से खरीद की परिकल्पना को पूर्ण करने एवं नियमन व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए ई-मण्डी प्लेटफार्म विकसित किया जाना प्रस्तावित हैं, जिससे प्रदेश के किसानों एवं व्यापारियों को बेहतर विपणन सुविधाएं प्राप्त हो सकेगी।
ई-मण्डी प्लेटफार्म के विकसित होने से किसान को अपने खेत से राज्य की किसी भी मण्डी में कृषि जिन्स के विक्रय के विकल्प की सुविधा प्राप्त हो सकेगी अर्थात् कहीं से भी कभी भी ई-मण्डी प्लेटफार्म के माध्यम से विक्रय कर सकेगा। जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। साथ ही मण्डी समिति को सभी प्रकार की सूचनाएं पंजीकृत व्यापार, मण्डी में आने वाले किसान, मण्डी शुल्क, भाव एवं आवक-जावक रिकॉर्ड एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेगी। ई-भुगतान की सरल प्रक्रिया से किसानों एवं व्यापारियों को सुगमता, मण्डी रिकॉर्ड एवं नियमन की दृष्टि से अनियमितता कम हो सकेगी। किसान खेत से अपनी उपज की पूर्ति तथा व्यापारी की मांग के आधार पर निर्णय ले सकेंगे।