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जयपुर

तीन लाख से अधिक थर्ड ग्रेड और सैकेंड ग्रेड शिक्षकों के प्रगति के अवसर बंद

राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम 2021 लागूअब शिक्षक कर रहे हैं ठहराव दूर किए जाने की मांग

जयपुरJul 25, 2021 / 03:10 pm

Rakhi Hajela

तीन लाख से अधिक थर्ड ग्रेड और सैकेंड ग्रेड शिक्षकों के प्रगति के अवसर बंद

तीन लाख से अधिक थर्ड ग्रेड और सैकेंड ग्रेड शिक्षकों के प्रगति के अवसर बंद



जयपुर, 25 जुलाई
किसी फै क्ट्री का समय बदलने से पहले वहां के कामगारों को पूछा जाता है लेकिन शिक्षा विभाग (education Department) में कार्यरत तीन लाख से अधिक तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों (third grade and second grade teachers) के साथ ऐसा नहीं है। हाल ही में शिक्षा विभाग (education Department) में राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम 2021 (Rajasthan Educational Service Rules 2021) स्वीकृत किए गए हैं। नए नियमों में प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय का पद समाप्त कर उप प्रधानाचार्य उच्च माध्यमिक विद्यालय नया पद सृजित करने और व्याख्याता पदों पर पदोन्न्ति (Promotion to the post of Lecturer) और सीधी भर्ती के लिए ग्रेजुएट के विषयों में ही पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री वालों को पात्र मानने से प्रदेश में तीन लाख से भी अधिक तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों (third grade and second grade teachers) को पदोन्नति के अवसर बंद होने जा रहे हैं।
हुआ दरअसल यह है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को पांच साल सेवा पर प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय पद पर सीधी भर्ती का अवसर मिलता था जो अब बंद हो गया है। शिक्षा विभाग में डीईओ पदों पर 50 फीसदी सीधी भर्ती का प्रावधान 1-4-1998 से हुआ था, लेकिन इसकी भर्ती नहीं हो सकी और अब नए सेवा नियमों में माध्यमिक शिक्षा के पदों पर 25 फीसदी सीधी भर्ती के प्रावधान के नियम नहीं रखे गए हैं। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग में कार्यरत तीन लाख से अधिक तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को पदोन्नति का इंतजार करने से पहले ही अपने पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के विषय में व्याख्याता स्कूल शिक्षा पदों पर सीधी भर्ती का अवसर मिलता था, अब यह अवसर भी केवल ग्रेजुएट विषयों में ही पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री वालों के लिए ही सीमित हो गया है जबकि ग्रेजुएट के अलावा अन्य विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्राप्त करने के लिए थर्ड ग्रेड और सैकेंड ग्रेड शिक्षकों ने विभाग से स्वीकृति लेकर ही प्राप्त की है। केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 में ग्रेजुएशन में भी विषय और संकाय बदलने की छूट दी जा रही है। इसका लाभ लेकर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, बीएड करने वाले युवकों को सात साल बाद पता चलेगा कि शिक्षा विभाग में व्याख्याता पद के पात्र नहीं हैं।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के एक नोटिफिकेशन 12नवंबर 2014 में 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाने के लिए पात्रता में केवल पोस्टग्रेजुएट डिग्री अंकित है। इसमें ग्रेजुएट विषय में ही पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री की बाध्यता अंकित नहीं है। विभाग में कॉमर्स और साइंस संकाय सभी उच्च माध्यमिक विद्यालय में खोले नहीं जाते हैं। कई स्थानों पर यह संकाय बंद करके कला संकाय में परिवर्तित कर दिया जाता है। इस कारण इन संकाय के स्नातक दूसरे कला विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट करके व्याख्याता बनने लगे हैं।
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
ऐसे में अब शिक्षक संगठन मांग कर रहे हैं कि हरियाणा आदि अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में हर उच्च माध्यमिक विद्यालय में तीनों संकाय खोले जाने चाहिए। शिक्षा विभाग में हजारों व्याख्याता 11वीं और 12वीं कक्षा में अध्यापन करवा रहे हैं। शत प्रतिशत परिणाम दे रहे हैं, वह स्नातक के अलावा अन्य विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं। राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक के प्रदेश महामंत्री महेंद्र पांडे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि उप प्रधानाचार्य उच्च माध्यमिक विद्यालय पदों पर 50 फीसदी सीधी भर्ती का प्रावधान रखा जाए, प्रधानाचार्य उच्च माध्यमिक विद्यालय पदों पर 25 फीसदी सीधी भर्ती का प्रावधान रखवाया जाए और ग्रेजुएट के अलावा अन्य विषय में पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों को व्याख्याता पदों के लिए पात्र मानने पर विचार किया जाए, जिससे प्रदेश के शिक्षा विभाग में कार्यरत तीन लाख से अधिक तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की सेवा में ठहराव को दूर किया जा सके और उन्हें पदोन्नति मिल सके।

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