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New District In Rajasthan: नया जिला-नई पहचान: पांच जिले दूसरी बार टूटेंगे, आठ जिले पहली बार

नए जिले बनने की घोषणा के बाद से ही संभावित सीमाओं को लेकर पड़ोसी जिलों में उत्सुकता और बेचैनी दोनों बढ़ गई हैं। नए जिलों के लिए जयपुर, सवाईमाधोपुर, भरतपुर, गंगानगर व उदयपुर जिले दूसरी बार टूटेंगे, जबकि अलवर, सीकर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, नागौर, अजमेर व भीलवाड़ा जिलों का बंटवारा पहली बार होगा।

जयपुरApr 06, 2023 / 12:46 pm

Santosh Trivedi

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जयपुर पत्रिका। New District In Rajasthan: नए जिले बनने की घोषणा के बाद से ही संभावित सीमाओं को लेकर पड़ोसी जिलों में उत्सुकता और बेचैनी दोनों बढ़ गई हैं। नए जिलों के लिए जयपुर, सवाईमाधोपुर, भरतपुर, गंगानगर व उदयपुर जिले दूसरी बार टूटेंगे, जबकि अलवर, सीकर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, नागौर, अजमेर व भीलवाड़ा जिलों का बंटवारा पहली बार होगा।

माना जा रहा है कि नए जिलों में पांच अन्य जिलों का भी कुछ न कुछ हिस्सा जाएगा। नए जिले बनने से जिला मुख्यालयों से दूरी कम होना तो तय है, लेकिन क्या लोग नए जिलों से संतुष्ट हैं या जिला बनाने में राजनीति ही प्रमुख आधार रही? झुंझुनूं, टोंक, बीकानेर, डूंगरपुर व पाली जिलों से सीधे तौर पर तो कोई नया जिला नहीं बना है, लेकिन इनके कुछ-कुछ हिस्से नए जिलों में जा सकता हैं। इस कारण प्रस्तावित नए जिलों को लेकर खुशी और विरोध का माहौल इन जिलों को भी प्रभावित कर रहा है। राजस्थान पत्रिका ने जमीनी हकीकत जानने का प्रयास किया तो यह सामने आया।

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जोधपुर पूर्व- जोधपुर पश्चिम
संभावित क्षेत्र – एक जिले में औसत 5 उपखंड। शहर व ग्रामीण क्षेत्र को अलग-अलग हो सकते हैं।
आधार- महानगर के रूप में विकास आसान होगा।
जनता बोली – अभी जरूरत नहीं।

फलौदी
संभावित जनसंख्या – करीब 12 लाख

संभावित क्षेत्र- फलौदी के आस-पास का जोधपुर व जैसलमेर जिलों का क्षेत्र।

आधार- जोधपुर मुख्यालय से फलौदी की दूरी करीब डेढ़ सौ किलोमीटर से ज्यादा है। लंबी दूरी प्रशासनिक समन्वय और विकास में बाधक थी। जिला बनाने की मांग लंबे समय से थी।

जनता बोली – पुनर्गठन से क्षेत्र का विकास होगा।

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जयपुर उत्तर व जयपुर दक्षिण

संभावित क्षेत्र – जयपुर उत्तर जिले मे क्षेत्र में आदर्श नगर, किशनपोल, सिविल लाइन्स, आमेर, हवामहल विधानसभा क्षेत्र के साथ ही जमवारामगढ़, आमेर तहसील, कूकस, अचरोल क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है। जयपुर दक्षिण जिले में झोटवाडा, मालवीय नगर, सांगानेर, बगरू, विद्याधर नगर, शिवदासपुरा, कोटखावदा, गोनेर, बस्सी, चाकसू के अलावा सीकर रोड पर चौमूं तक का क्षेत्र शामिल हो सकता है।

जिले बनने का आधार- आबादी अधिक है। जयपुर को महानगर के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।

जनता बोली – अभी दो जिलों की आवश्यकता नहीं। सत्तापक्ष के मंत्री व विधायक भी दो नए जिलों के पक्ष में नहीं है।

कोटपूतली – बहरोड़: संभावित आबादी- 20 लाख

संभावित क्षेत्र- कोटपूतली, पावटा, विराटनगर तहसील तथा अलवर जिले की बहरोड़ नीमराना बानसूर नारायणपुर तहसील को शामिल किया जा सकता है। जिला बनने का आधार- कोटपूतली की जयपुर से दूरी 105 किलोमीटर है। कहीं ना कहीं राजनीतिक रूप से भी मंत्री व विधायक को खुश करने का प्रयास किया गया है।

जनता बोली- कुछ जगह विरोध भी हो रहा है।

https://youtu.be/Z3DbQZi895M

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