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सवाई माधोपुर निवासी 30 वर्षीय महिला धोली के परिजन ने बताया कि उसे पेट में तिल्ली की दिक्कत थी। 20 अप्रेल को उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां चिकित्सकों ने उसकी सर्जरी की लेकिन फोरसेप (मेटल कैंची) पेट में ही छोड़ दी। सर्जरी के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया। मरीज को पेट में दर्द होने पर परिजन उसे शनिवार शाम को एसएमएस की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। जहां एक्सरे से पेट में कैंची की पुष्टि हुई।
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एसएमएस सर्जरी विभाग की यूनिट हेड डॉ. शालू गुप्ता ने बताया कि मरीज की रात साढ़े बारह बजे सर्जरी कर कैंची बाहर निकाली गई। अब मरीज स्वस्थ है और वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। मंगलवार तक उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। वहीं, महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर.सी. गुप्ता का कहना है कि इस तरह का कोई भी मामला उनकी जानकारी में नहीं आया है और ऐसा कुछ भी नहीं है।