समाज सेवी हरिश छरंग ने बताया कि जारोड़ा निवासी पुनी मुंडेल पत्नी रामाकिशन मुंडेल की तीन बेटी व दो बेटों का विवाह था। इस दौरान मामा निमड़ी निवासी लाखाराम बेड़ा पुत्र रामदेव ने अपनी इकलौती बहन के 4 लाख 71 हजार रुपए नकद, 7 तोला सोने-चांदी के आभूषण के साथ टयूबवेल समेत 52 बीघा जमीन ( बाजार दर के हिसाब से करीब 2 करोड़ 50 लाख कीमत) मायरा में दी। एक दिव्यांग भाई की ओर से करोड़ों का मायरा भरने की ग्रामीणों ने काफी सराहना की।
गौरतलब रहे कि दिव्यांग लाखाराम काश्तकार है। माता-पिता के निधन के बाद लाखाराम बेडा ने इकलौती बहन पुनी देवी के मायरे में किसी तरह की कमी नहीं रखी। मायरे के कार्यक्रम में मेड़ता के पूर्व प्रधान रामनिवास धौलिया, ईग्यासनी के पूर्वसरंपच देवाराम छरंग , चौलियास सरंपच जसाराम छरंग, हीराराम छरंग, हेमाराम छरंग, रामनिवास जाजड़ा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।