सडक़ों से पकड़े गए गोवंश को छुड़वाने के लिए निगम ने 5 हजार रुपए का जुर्माना तय कर रखा है। अधिकांश गोवंश की कीमत जुर्माने से भी कम है, इस कारण लोग वापस उन्हें छुड़वाने नहीं आते हैं। अगर उन्हें कोई छुड़वा भी लेे तो उसे वापस सिटी तक लाने का परिवहन खर्च अतिरिक्त वहन करना पड़ता है।
निगम ने प्रति गोवंश की न्यूनतम बोली 5 हजार रुपए तय की है। अधिकांश गोवंश प्लास्टिक खाने के कारण किसी काम का नहीं होने से लोग रुझान नहीं दिखाते। दुधारू गाय के लिए कुछ लोग पैसा खर्च करते हैं। निगम अब तक एक साल में तीन से चार बार नीलामी प्रक्रिया कर चुका है, लेकिन 500 गोवंश में से महज 20 को ही लोग ले गए।
निगम ने खेती योग्य जमीन के दस्तावेज पेश करने पर उन किसानों को गोवंश निशुल्क देने की घोषणा की लेकिन कोई नहीं आया। किसानों का कहना था कि प्लास्टिक खाने से गाय मालिकों ने भी उन्हें छोड़ दिया। दूध नहीं देने व खेती के काम नहीं आने से वे उन्हें नहीं ले रहे हैं।