यह इलाके रेड अलर्ट पर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों के मुताबिक शनिवार सुबह जयपुर में औसतन प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक रहा। सबसे अधिक वायु प्रदूषण का स्तर सीतापुरा का 320, मानसरोवर का 264, शास्त्रीनगर का 299, मुरलीपुरा का 330, अजमेरी गेट का 310, राजापार्क का 340, मालवीयनगर का 280 एक्यूआई का स्तर रहा। इससे पहले शुक्रवार को भी जयपुर शहर का औसतन प्रदूषण का स्तर 200 एक्यूआई के पार रहा। इन स्थानों पर पीएम 2.5 यानि सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। शाम को टोंकरोड, सीकररोड, झालाना, मालवीयनगर में काली घटाएं छाने के साथ ही हल्की बारिश हुई।यह है वजह
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के असर, पराली जलाने, प्रदूषण, वाहनों के धुएं से हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से मौसम बदला हुआ है। इसे आमतौर पर कुहासा कहा जाता है। सर्दी की शुरुआत से पहले हवा की गति बेहद धीमी हो जाती है। छोटे—छोटे कण एक जगह जम जाते हैं। यह प्रदूषण के कण वायुमंडल में नहीं जा पाते। लगभग दो दिन तक इसका असर रह सकता है। हवा की गति सीधी चलने से या नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से फिर से मौसम बढ़िया होगा।
यह है वायुगुणवत्ता सूचकांक मानक0 से 50 – अच्छी
51 से 100- संतोषजनक
101 से 200- मॉडरेट यानि न थोड़ा खराब
201-300- खराब
301-400- बहुत खराब
401-500- गंभीर
500 से ऊपर- इमरजेंसी
यह बोले एक्सपर्टस
वर्तमान समय में हवा में धूल के कणों के साथ नमी भी मौजूद है। ऐसे में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। घर, दफ्तर और अपनी कार में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। ज्यादा प्रदूषण के दौरान खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। इनडोर पौधों का उपयोग करें, जो हवा को साफ करते हैं। फेस मास्क पहनें, अचानक से तापमान के परिवर्तन के संपर्क में आने से बचें। पोषक आहार, व्यायाम, पर्याप्त नींद, पानी आदि का ध्यान रखें। दिवाली से पहले लोगों को काफी ध्यान रखने की जरूरत है। बाहर जाते समय भी मास्क पहनें।
—डॉ. वीरेंद्र सिंह, डायरेक्टर अस्थमा भवन और वरिष्ठ अस्थमा रोग विशेषज्ञ