निवेशक राजस्थान में 30 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश करने को लेकर एमओयू कर चुके हैं। वर्ष 2024 की विदाई से ठीक पहले राज्य में निवेश का नया सूर्योदय होगा और प्रदेश के विकास को बूस्टर डोज मिलेगी।
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के कार्यक्रम व सत्रों में 8 केन्द्रीय मंत्री भी शामिल होंगे।
ये औद्योगिक पहुंचे जयपुर
समिट में शामिल होने के लिए बड़े औद्योगिक घरानों के प्रमुख रविवार रात तक जयपुर पहुंच गए हैं। इसमें शामिल होने वाले औद्योगिक घरानों में गौतम अदाणी, कुमार मंगलम बिड़ला, आनंद महिंद्रा, अनिल अग्रवाल, प्रशांत बांगड़, संजीव पुरी, अजय एस. श्रीराम, राकेश भारती मित्तल, अशोक हिंदूजा, सुरेश नारायण, सलील गुप्ते सहित कई दिग्गज शामिल हैं।
समिट को लेकर उद्यमियों में खासा उत्साह
प्रदेश में पहले भी तीन बड़ी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हो चुकी हैं, लेकिन इस चौथी समिट में पहले से कई गुना ज्यादा के निवेश को लेकर उद्यमियों ने उत्साह दिखाया है। समिट के जरिए आने वाले निवेश को अब जमीन पर उतारने के लिए राज्य सरकार को निवेशकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा। देश में राजस्थान की विकास दर अभी करीब 12.7 फीसदी पर है, जो देशभर के राज्यों में सातवें नंबर पर है। अभी समिट में सबसे ज्यादा निवेश को लेकर एमओयू ऊर्जा क्षेत्र में 20.82 लाख करोड़ के हुए हैं। इसके अलावा इंडस्ट्री में 3.94, खनन में 1.83 लाख करोड़ के अलावा नगरीय विकास, पर्यटन, कृषि, शिक्षा, आइटी, एविएशन व अन्य क्षेत्रों में हुए हैं। रोशनी से जगमगाया गुलाबीनगर
गुलाबी नगर में इन्वेस्टर्स के स्वागत के लिए शहर को सजाया जा चुका है। प्रमुख मार्गों और भवनों पर रोशनी के साथ ही पर्यटन स्थलों पर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। पर्यटन स्थलों पर प्रवासी व निवेशकों के घूमने के लिए जाने के चलते व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटियां लगाई गई हैं। सुरक्षा और यातायात को देखते हुए चौबीस घंटे पुलिस को सतर्त रहने के लिए कहा गया है।
8 देशों के सेशन होंगे
समिट में पहली बार आठ देशों के अलग से सेशन कराए जा रहे हैं। पहले दिन जापान, डेनमार्क, ब्राजील और दूसरे दिन दस दिसम्बर को जर्मनी, यूएसए, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और मलेशिया देश के सेशन होंगे।
6500 प्रवासियों ने समिट में आने के लिए दिखाई रुचि
समिट में शामिल होने के लिए देश-विदेश से 6500 से ज्यादा प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 4 हजार के आने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि समिट में उद्यमियों सहित 16 हजार से ज्यादा ने रजिस्ट्रेशन कराया है। स्टार्टअप कॉनक्लेव: देश के बड़े स्टार्टअप्स के फाउंडर्स शामिल होंगे। प्रदेश में स्टार्टअप पर काम कर रहे युवाओं के साथ इनका संवाद होगा। इसमें स्टार्टअप इंडस्ट्री के स्थानीय विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। प्रदेश को स्टार्टअप हब के रूप में भी विकसित करना चाह रहे हैं, इसलिए अलग से चर्चा होगी।
एमएसएमई कॉनक्लेव: समिट एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के लिए बड़ा अवसर लेकर आई है। इससे करीब 20 हजार नई एमएसएमई इकाईयां शुरू होने की उम्मीद जगी है। कॉनक्लेव में 7 हजार उद्यमी शामिल होंगे। वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि भी आ रहे हैं। राज्य सरकार भी इसके लिए अलग से नई नीति जारी कर चुकी है।