ऐसे विषय देश में अस्थिरता और अशांति का कारण बन सकता है। सुप्रीम कोर्ट से इसमें हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। बुधवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना शाह फजलुर्रहीम मुजदिदी, प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास, सैयद सरवर चिश्ती, सैयद गफ़्फ़ार हुसैन काज़मी, सैयद अब्दुल हक, सैयद शारिब संजरी, सैयद शमीमी उस्मानी ने संबोधित किया।
याचिका संविधान की परीक्षा
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय महासचिव यासमीन फारूक़ी ने दायर वाद को संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के लिए चुनौती बताया। उन्होंने कहा, ‘यह याचिका बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बनाए गए संविधान की परीक्षा है। ख्वाजा साहब के करोड़ों अनुयायी उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रपौत्र और बौद्ध सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजरत्न अंबेडकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के लिए न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा, अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो हम भी मंदिरों के नीचे बौद्ध धरोहर की खोज के लिए सर्वेक्षण कराने की याचिका दायर करेंगे।
देश की एकता पर हमला
एसडीपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद शफी ने 800 साल पुरानी दरगाह की ऐतिहासिक अहमियत को रेखांकित करते हुए कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह दरगाह हमेशा से धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक रही है।