प्रकरण के तथ्य परिवादी ने मसूदा थाने में 2 सितम्बर 2022 को पेश कर उसकी 16 वर्षीय पुत्री के साथ 27 अगस्त 2022 को आरोपी शम्भूसिंह द्वारा बलात्कार करने के बाद जहर पिलाकर हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। घटना के अनुसार परिवादी की पुत्री को बेहोशी की हालत में इलाज के लिए जामोला अस्पताल ले जाने के बाद उसे जवाहर लाल नेहरू अस्पताल अजमेर रेफर करने पर इलाज के दौरान 1 सितम्बर को बालिका की मौत हो गई। इलाज के दौरान पीडि़ता के पुलिस के समक्ष बयान नहीं हो सके।
परिस्थितिजन्य साक्ष्य से हुई सजा अभियोजन पक्ष के वकील रूपेन्द्र परिहार ने बताया कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य तथा पीडि़ता की विसरा रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण को साबित किया। अभियोजन पक्ष ने 21 गवाह व 34 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए। पोस्टमार्टम व एफएसएल रिपोर्ट सहित डॉक्टर के बयानों में वारदात को साबित किया गया।
अदालत की टिप्पणी अदालत ने फैसले में लिखा कि अभियुक्त ने 18 वर्ष से कम आयु की नाबालिग बालिका से सहमति व इच्छा के विरूद्ध शारीरिक संबंध स्थापित किए व उसकी हत्या करने के आशय से बलपूर्वक कीटनाशक जहर/दवा पिलाया जिससे मृत्यु कारित हुई। ऐसे अपराधी के विरुद्ध नरमी का रूख अपनाया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है।पीडि़त प्रतिकर के रूप में 6 लाख रुपए दिलाए
पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 6 लाख रुपए दिलाने के आदेश भी दिए। आरोपी से 2लाख रूपये वसूल होने पर सम्पूर्ण राशि पीडिता के संरक्षक को दिलवाने के भी आदेश अदालत ने दिए।
इन धाराओं में सुनाई सजाधारा 302 भादसं – शेष प्राकृतिक जीवन जीने तक की सजा एवं 1 लाख रुपए जुर्माना धारा 201 में 7 वर्ष का कठोर कारावास व 50 हजार रुपए जुर्मानापोक्सो एक्ट में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपए जुर्माना